नई दिल्ली। ससंद में कांग्रेस समेत विपक्ष के हंगामे को सांसद शशि थरूर ने गलत ठहराते हुए कहा कि बाधा की जगह हमें बहस करनी चाहिए।
राज्यसभा में 12 सांसदों के निलंबन के बाद कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और सदन की कार्यवाही को बाधित किया था। थरूर ने साथ ही कांग्रेस में एक चुने हुए नेता के सवाल पर कहा कि मतदाताओं में गांधी-नेहरू परिवार के प्रति निष्ठा की भावना है, जिसे आसानी से दूर नहीं किया जा सकता है और राहुल गांधी पार्टी के नेता चुने जा सकते हैं।
थरूर ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान नहीं डालने की वकालत करते हुए कहा कि कुछ हद तक विपक्ष ‘खुद के हाशिये पर जाने के लिए स्वयं जिम्मेदार है।’
हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कई बार मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं मिलने से निराशा का सामना करना पड़ता है।
थरूर ने कहा कि उनकी पार्टी उनके इस विचार से वाकिफ है कि ‘हमें व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए बल्कि संसद का उपयोग बहस के मंच के तौर पर करना चाहिए।’
यहां एक कार्यक्रम के दौरान जब थरूर से राहुल गांधी को लेकर पूछ गया कि क्या पार्टी का एक चुना हुआ नेता होना चाहिए और ऐसा नहीं जो कि परिवार के चलते पद पर हो, इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘साफ तौर पर कहूं तो जो लोग परिवार के कारण हैं, वे चुने भी जा सकते हैं।
हालांकि, इस बात को लेकर बेहद कम संशय है कि अगर राहुल गांधी चुनाव लड़ने के इच्छुक हों तो वे कांग्रेस में किसी भी अन्य के मुकाबले चुने जाएंगे क्योंकि पार्टी के मतदाताओं में दशकों से गांधी-नेहरू परिवार के प्रति निष्ठा की भावना है, जिसे आसानी से दूर नहीं किया जा सकता है।’
थरूर ने अपनी हालिया किताब ‘प्राइड, प्रेजुडिस एंड पंडित्री’ (Pride Prejudice and Punditry) पर चर्चा के दौरान उक्त टिप्पणी की।
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