जेल में ही रहेंगी शर्मिष्ठा पनोली, कोलकाता हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत

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मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति पार्थ सारथी चटर्जी ने

अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि देखिए,

हमारे पास बोलने की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह

नहीं है कि आप दूसरों को चोट पहुँचाते रहेंगे। हमारा देश

विविधतापूर्ण है, यहाँ विभिन्न जाति, पंथ और धर्म के लोग रहते हैं।

हमें यह कहते समय सावधान रहना चाहिए।

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Sharmishtha Panoli- कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को इंस्टाग्राम कंटेंट क्रिएटर शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। शर्मिष्ठा को ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर एक समुदाय के खिलाफ कथित रूप से विवादास्पद बयान देने के लिए गिरफ्तार किया गया था। यह बयान वीडियो के रूप में था।

अपने आदेश में अदालत ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा उस सीमा तक नहीं बढ़ाई जा सकती जहां इससे किसी व्यक्ति या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे।
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति पार्थ सारथी चटर्जी ने अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि देखिए, हमारे पास बोलने की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप दूसरों को चोट पहुँचाते रहेंगे।

हमारा देश विविधतापूर्ण है, यहाँ विभिन्न जाति, पंथ और धर्म के लोग रहते हैं। हमें यह कहते समय सावधान रहना चाहिए।

शर्मिष्ठा ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर बनाया था। इसे सुना गया और इस घटना से लोगों के एक वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं। पुणे की 22 वर्षीय लॉ छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को शुक्रवार को गुरुग्राम में कोलकाता पुलिस ने ऑपरेशन सिंदूर पर एक वीडियो के ज़रिए कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोप में गिरफ़्तार किया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई इंस्टाग्राम क्लिप कथित तौर पर एक विशेष धर्म के प्रति अपमानजनक थी और इसकी व्यापक निंदा हुई। आलोचना के बाद पनोली ने विवादित वीडियो हटा दिया और अपनी टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगी। हालांकि, बाद में कोलकाता पुलिस ने उन्हें गुरुग्राम से गिरफ़्तार कर लिया।

 

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