Rahul Gandhi Press Conference

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राहुल गांधी का हाइड्रोजन बम: वोट चोरी पर दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस, EC बोला- आरोप झूठे, नाम ऑनलाइन डिलीट नहीं होते

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Rahul Gandhi Press Conference: वोट चोरी के मुद्दे पर देश की राजनीति में एक बार फिर सियासी उबाल आ गया है।

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एटम बम के बाद अब हाइड्रोजन बम ले आए हैं।

शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल ने भाजपा और चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर आरोप लगाए।

उन्होंने दावा किया कि बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से नाम गायब किए जा रहे हैं ताकि विपक्षी दलों के वोट बैंक को कमजोर किया जा सके।

राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र की खुली लूट बताते हुए कहा – यह वोट चोरी का सबसे बड़ा खेल है, जिसमें BJP और EC दोनों शामिल हैं।

इस बार राहुल अपने साथ ऐसे वोटर्स को भी लेकर आए, जिनके नाम वोटर्स लिस्ट से डिलीट किए गए हैं।

दूसरी तरफ, चुनाव आयोग ने आरोपों को गलत और निराधार बताते हुए कहा कि कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन किसी का भी वोट डिलीट नहीं कर सकता।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल के बड़े आरोप

वोट चोरी के आरोप पर यह राहुल गांधी की दूसरी बार प्रेस कॉन्फेंस है। इससे पहले उन्होंने 7 अगस्त को मीडिया से बात की थी।

राहुल गांधी ने मीडिया के सामने कहा कि देश के कई राज्यों में मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए गए हैं।

खासतौर पर कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वहां लाखों मतदाताओं के नाम बिना किसी सूचना के डिलीट कर दिए गए।

उन्होंने आरोप लगाया कि जिन वर्गों के नाम गायब किए गए हैं, वे ज्यादातर दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और विपक्षी पार्टियों के पारंपरिक वोटर हैं।

यह कोई गलती नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश है। भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर मतदाता सूची में गड़बड़ी कर रहे हैं। यह लोकतंत्र पर हमला है।

पिछली बार मैंने आपकी एडिशन का बताया था, आज डिलीशन का बताया है। मैं  ऐसी कोई बात नहीं कहूंगा, जो 100 प्रतिशत सच नहीं है।

मैं सब कुछ सबूत के साथ दिखाऊंगा, मैं अभी नीव तैयार कर रहा हूं, हाइड्रोजन बम में सब कुछ ब्लैक-व्हाइट है। देश की डेमोक्रेसी हाईजेक हो गई है।

कर्नाटक में 6018 नाम कटे, महाराष्ट्र में जुड़े

राहुल का आरोप- किसी ताकत ने सिस्टम हाईजैक करके वोट डिलीट किए

राहुल गांधी ने कहा, आलंद कर्नाटक का एक विधानसभा क्षेत्र है। वहां किसी ने 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश की।

हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में कुल कितने वोट डिलीट किए गए, लेकिन यह संख्या 6,018 से कहीं ज्यादा थी।

बस इतनी बात हुई कि इन वोटों को डिलीट करते समय गलती से मामला पकड़ में आ गया। वहीं, महाराष्ट्र में 6180 जुड़े हैं।

राहुल ने आरोप लगाया कि एक कन्नड वोटर का वोट भी डिलीट किया गया। उन्होंने वोटर को मंच पर बुलाकर उससे बात रखने को कहा।

वोटर ने बताया, मेरे नाम पर 12 लोगों का नाम डिलीट किया गया है। हालांकि मुझे इसकी जानकारी भी नहीं।

आंकड़ों के साथ दावे भी बताए

राहुल ने भाजपा पर चुनाव आयोग की मिलीभगत से बिहार, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की आरोप लगाया है।

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ आंकड़े भी साझा किए। उनके मुताबिक—

  • कर्नाटक में हालिया विधानसभा चुनाव से पहले लगभग 27 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे।
  • महाराष्ट्र में 10 लाख से ज्यादा फर्जी नाम जोड़े गए, जबकि 8 लाख वास्तविक मतदाताओं के नाम लिस्ट से हटा दिए गए।
  • वहीं, मध्य प्रदेश में भी 18 लाख मतदाताओं के नाम अचानक गायब हो गए।

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की टीम ने कई जिलों में जाकर जांच की है और वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर हेरफेर पाया गया है।

बता दें, 1 सितंबर को बिहार में अपने वोटर अधिकार यात्रा के आखिरी दिन राहुल ने कहा था वोट चोरी की सच्चाई पूरे देश को पता लगने वाली है।

एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम होता है, वो आ रहा है। 11 सितंबर को भी अपने संसदीय क्षेत्र में कहा था, हम वोट चोरी के धमाकेदार सबूत देंगे।

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चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भी सीधा हमला बोला।

उन्होंने कहा कि EC का काम निष्पक्ष चुनाव कराना है, लेकिन आज वह भाजपा के दबाव में काम कर रहा है।

चुनाव आयोग को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए, न कि भाजपा की कठपुतली बनना चाहिए।

जब कांग्रेस या विपक्षी दल शिकायत करते हैं तो चुनाव आयोग कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता। उल्टा शिकायत करने वालों को ही धमकाया जाता है।

राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से भी इस मामले में दखल की अपील की।

उन्होंने कहा कि जब तक वोटर लिस्ट पारदर्शी नहीं होगी, तब तक चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठते रहेंगे।

लोकतंत्र पर खतरे की चेतावनी

राहुल गांधी ने कहा कि अगर मतदाता सूची से नाम गायब करना और फर्जी वोटर जोड़ना जारी रहा, तो भारत का लोकतंत्र सिर्फ नाम का रह जाएगा।

उन्होंने इसे सिस्टमेटिक वोट चोरी” करार दिया और युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे वोटर लिस्ट में अपना नाम ज़रूर चेक करें।

उन्होंने कहा— हर युवा, हर नागरिक को अपने वोट के अधिकार के लिए जागरूक होना होगा। भाजपा लोकतंत्र चुराना चाहती है, लेकिन हम सब मिलकर इसका मुकाबला करेंगे।

राहुल गांधी के आरोपों पर जहां विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक के अन्य दलों ने भी समर्थन जताया। कई नेताओं ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से इसकी जांच कराने की मांग रखी।

वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और समाजवादी पार्टी (SP) के नेताओं ने कहा कि उनके राज्यों में भी ऐसी गड़बड़ियां सामने आई हैं।

इससे पहले राहुल गांधी ने 7 अगस्त को वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर 1 घंटे 11 मिनट तक 22 पेज का प्रेजेंटेशन दिया था।

स्क्रीन पर कर्नाटक की वोटर लिस्ट दिखाते हुए कहा था कि इसमें संदिग्ध वोटर मौजूद हैं, साथ ही महाराष्ट्र और हरियाणा में भी वोट चोरी के आरोप लगाए थे।

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BJP की ओर से पलटवार

हालांकि, राहुल गांधी के आरोपों पर भाजपा ने तुरंत पलटवार किया। भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस अपनी हार को सामने देखकर पहले से बहाने बना रही है।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, आज राहुल गांधी अपनी प्रेस कांफ्रेंस के जरिए भारत के लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा बनेंगे।

मेरा पीआईबी और ईडी से आग्रह है कि 2004 से लेकर 2025 तक सैम पित्रोदा जो अमेरिका में रहकर कांग्रेस को संचालित करते हैं।

उनके पूरी फंडिंग, उनकी मुलाकात, वह राहुल गांधी को विदेश दौरों पर किनसे मुलाकात करवाते हैं, इन सबकी जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस ने भिंडरावाले, 1967 में कम्युनिस्ट का समर्थन लेकर तिरुपति से पशुपतिनाथ तक नक्सली पैदा किए, अब सोरोस, रॉकफेलर, USAiD के साथ मिलकर अराजकता फैलाना चाहते हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा – राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी लगातार चुनाव आयोग पर सवाल उठाकर लोकतंत्र को बदनाम कर रहे हैं।

असलियत यह है कि कांग्रेस को जनता का समर्थन नहीं मिल रहा और अब वह हार की जिम्मेदारी से बचने के लिए झूठ फैला रही है।

भाजपा ने यह भी कहा कि मतदाता सूची का काम पूरी तरह पारदर्शी तरीके से होता है और हर व्यक्ति को अपना नाम जोड़ने या सुधारने का मौका दिया जाता है।

बैकग्राउंड: पहले भी उठे हैं सवाल

यह पहला मौका नहीं है जब मतदाता सूची को लेकर विवाद हुआ हो।

  • 2018 में तेलंगाना चुनावों में भी लाखों नाम गायब होने का मामला सामने आया था।
  • 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने EC पर पक्षपात के आरोप लगाए थे।
  • कई राज्यों में यह भी पाया गया कि एक ही व्यक्ति का नाम दो-दो जगहों पर दर्ज है।

चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि मतदाता सूची से जुड़े विवाद भारत के लोकतंत्र की बड़ी चुनौती हैं।

तकनीक और डिजिटल व्यवस्था के बावजूद वोटर लिस्ट की शुद्धता पर सवाल उठते रहते हैं।

राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं, अगर मतदाता सूची सही नहीं होगी तो चुनाव की पूरी प्रक्रिया संदिग्ध हो जाएगी।

राहुल गांधी के आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि जनता का भरोसा बना रहे।

राहुल के सवाल, आरोप और मांग

सवाल:-

बीजेपी पर एंटी-इनकंबेंसी का असर नहीं होता, जबकि बाकी दल इससे प्रभावित होते हैं।

पहले कम तकनीक में चुनाव जल्दी हो जाते थे, अब महीनों तक चलते हैं। एक दिन में चुनाव क्यों नहीं होते।

चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक डेटा क्यों नहीं देता। जानबूझकर ऐसी वोटर लिस्ट देता है जिसे मशीन से नहीं पढ़ा जा सके।

आरोप:-

चुनाव आयोग CCTV फुटेज नहीं देता ताकि कोई सबूत न बचे।

आयोग सबूतों को छुपा रहा है और फर्जी वोटिंग रोकने के प्रयास नहीं कर रहा।

मांगें:-

न्यायपालिका को इस मामले में दखल देना चाहिए।

चुनाव आयोग को चुनाव की रक्षा करनी चाहिए, न कि किसी पार्टी को जिताने का माध्यम बनना चाहिए।

मुद्दे को सड़क से संसद तक उठाएगी कांग्रेस 

सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बड़ा विवाद छिड़ गया।

ट्विटर (अब X) पर #VoteTheft और #SaveDemocracy ट्रेंड करने लगे।

कांग्रेस समर्थकों ने कहा कि यह मुद्दा जनता के अधिकार से जुड़ा है और इस पर आंदोलन होना चाहिए।

भाजपा समर्थकों ने राहुल गांधी पर ‘झूठ की राजनीति’ करने का आरोप लगाया।

कई सामान्य यूजर्स ने अपने अनुभव साझा किए कि उनके परिवार के नाम भी मतदाता सूची से गायब मिले।

हालांंकि, कांग्रेस ने साफ किया है कि वह इस मुद्दे को सड़क से संसद तक उठाएगी।

राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी बड़े पैमाने पर वोट बचाओ अभियान” शुरू करेगी और लोगों को जागरूक करेगी।

कांग्रेस की टीम राज्यों में घर-घर जाकर वोटर लिस्ट की जांच करेगी और अगर गड़बड़ी पाई जाती है तो उसे कोर्ट और चुनाव आयोग के सामने पेश किया जाएगा।

 

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