धार सीट से राधेश्याम मुवेल का टिकट बदलने की खबर एक ‘पैकेज’ रणनीति का हिस्सा दिखाई दे रही है। मुवेल को लेकर पार्टी में कहीं कोई नाराजी नहीं है, वे बिना किसी शोर के सधे क़दमों से घर-घर दस्तक दे रहे हैं। उनकी इस दस्तक पर बीजेपी की बारीक नजर है
पंकज मुकाती
धार लोकसभा सीट। आदिवासी जनजाति के लिए रिज़र्व। इस सीट से कांग्रेस ने एकदम युवा चेहरा उतारा है। राधेश्याम मुवेल कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। ये उनका पहला चुनाव है। देश के सबसे बड़े अखबार ने पहले पृष्ठ पर मुवेल को लेकर एक खबर प्रकाशित की है। इस खबर में दावा किया गया है कि कांग्रेस में उच्च स्तर पर मुवेल का टिकट बदलने की तैयारी है। अखबार ने महेंद्र कन्नौज को मुवेल की जगह टिकट देने की बात कही। पॉलिटिक्सवाला की टीम ने इसकी पड़ताल की।
धार लोकसभा सीट पर जाकर मामले को समझा। इससे जो सच सामने आया वो खबर और मीडिया चर्चा से एकदम अलग है। मुवेल लगातार सक्रिय दिखे। दिल्ली तक से इस बात की पुष्टि हुई कि मुवेल ही चुनाव लड़ेंगे। कहीं किसी भी स्तर पर उनको बदलने की कोई चर्चा नहीं हुई।
दरअसल, मुवेल बेहद संतुलित ढंग से अपनी लाइन को लम्बा कर रहे हैं। वे सोशल मीडिया के बजाय सीधे घरों में दस्तक दे रहे हैं। वे एक तरह से संघ की पद्धति से प्रचार कर रहे हैं। बिना किसी शोर शराबे के एक बेटे, भाई की तरह लोगों की बीच पहुँच रहे हैं। मुवेल ने दफतर बनाने और उस तामझाम में पडऩे के बजाय इलाके के हर गांव में जहाँ रुके उसको ही दफ्तर बना लिया। वे खेत, खलिहान, चौपाल, घरों के चबुतरों पर बैठकर ही अपनी बात कह रहे हैं। न कोई मंच न कोई स्वागत सत्कार के बैनर। अब तक मुवेल 80 फीसदी गांवों का दौरा कर चुके हैं।
मुवेल की इस छापामार प्रचार शैली और मिल रहे समर्थन के बाद भाजपा, संघ भी सीट को लेकर सतर्क हैं। बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक धार बीजेपी के लिए टक्कर वाली सीट साबित हो रही है।
मुवेल के लगातार प्रचार और प्रभाव के बाद कांग्रेस के मुवेल विरोधी तबके और विपक्षी दल ने रणनीतिक रूप से ये माहौल बनाया कि मुवेल का टिकट बदला जा रहा है। वो ठीक से लड़ नहीं पा रहे हैं। इसी ‘पैकेज’ रणनीति के तहत मीडिया के एक वर्ग ने इस चौपाल की चर्चा को प्रमुख खबर बना लिया।
मुवेल को लेकर एक और चर्चा उठी कि उनके पास धनबल नहीं है, इसलिए भी वे ऑफिस नहीं खोल पा रहे हैं। इस बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि अच्छे, शिक्षित और जमीनी नेताओं के लिए धन कोई समस्या नहीं रहती।
इस बारे में पॉलिटिक्सवाला ने मुवेल से भी चर्चा की।
वे बोले आप लगातार देख रहे हैं। पूरी पार्टी मेरे साथ हैं। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधायक हनी सिंह बघेल सब बारी -बारी से मेरे साथ प्रचार कर रहे हैं। संपर्क में हैं। रविवार 14 अप्रैल को बाबा साहेब आंबेडकर जयंती पर सभी बड़े नेता मेरे साथ महू में संयुक्त रैली और प्रचार करने आ रहे हैं।
इसमें पटवारी, सिंघार के अलावा अरुण यादव और मुकेश नायक भी हैं। अब आप ही बताइये ऐसे में मेरा टिकट बदलने की बात का क्या मतलब है।
इलाके के दूसरे नेताओं का कहना है कि राधेश्याम मुवेल ने टिकट का ऐलान होते ही मोर्चा संभाल लिया था।
इसके बाद आदिवासी परंपरा का पर्व भगोरिया आया। पूरे भगोरिया उत्सव का मुवेल ने प्रचार के लिए भरपूर उपयोग किया। इसके बाद वे हर एक गाँव में पहुंच चुके हैं। मालूम हो कि मुवेल राहुल गांधी की टीम के सदस्य रहे हैं। अमेठी के अलावा वे उत्तरप्रदेश और बिहार में भी कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं।
जमीनी रणनीति में वे माहिर हैं। दूसरी बड़ी बात धार की आदिवासी राजनीति के बड़े नाम उमंग सिंघार का पूरा समर्थन भी मुवेल के साथ है। धार का मिजाज भी भाजपा, कांग्रेस दोनों के साथ रहा है। कुल 19 लाख मतदातों में करीब 7 लाख भिलाला समुदाय से हैं। मुवेल इसी समुदाय से आते हैं।
मुवेल के सामने बीजेपी से सावित्री ठाकुर प्रत्याशी हैं। वे 2014 में इसी सीट से सांसद रह चुकी है। ऐसे में धार सीट पर मुकाबला जोरदार होने की संभावना बन रही है। खुद बीजेपी और संघ के करीबी भी ये मानते हैं कि सीट आसान नहीं है। भाजपा के सभी 29 सीट जीतने के मिशन में धार एक स्पीड ब्रेकर बन सकती है। 2023 के विधानसभा चुनाव में इलाके की सात में से पांच सीट कांग्रेस ने जीती है।
राधेश्याम मुवेल ही चुनाव लड़ेंगे। इसमें कहीं कोई सवाल ही नहीं है, न पहले ऐसा कोई सवाल उठा, न अब है। संगठन ने बहुत सोच समझकर प्रत्याशी तय किया है। पार्टी हर स्तर पर मुवेल के साथ खड़ी है।
जीतू पटवारी
प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस