Ayodhya Ram Mandir-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 25 नवंबर को 8,000 से अधिक मेहमानों की उपस्थिति में राम मंदिर के ऊपर विशेष रूप से डिजाइन किया गया भगवा ध्वज 25 नवंबर को दोपहर 12 बजे से 12.30 बजे के बीच अभिजीत मुहूर्त में बटन दबाकर ध्वज फहराएंगे। राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह के दिन, केवल आमंत्रित अतिथि ही रामलला के दर्शन कर पाएँगे। हालांकि, 26 नवंबर को सुबह 4 बजे से श्री राम मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए रामलला के दर्शन शुरू हो जाएँगे। राम मंदिर के शिखर पर PM मोदी फहराएंगे भव्य भगवा ध्वज, 25 नवंबर को होगा विशेष आयोजन
ध्वज पर केसरिया रंग के सूर्य, ॐ और कोविदार (कचनार) के प्रतीक बने हुए हैं।
ये सभी चिह्न सूर्यवंश के प्रतीक है। ध्वज को वैदिक मंत्रों के बीच सलामी दी जाएगी। ध्वज फहराते ही मंदिर परिसर में घंटे-घड़ियाल बजने लगेंगे।
राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर 42 फीट ऊंचा स्तंभ स्थापित किया गया है। इसी स्तंभ पर 22 फीट लंबी और 11 फीट चौड़ी पताका फहराएगी, जो 3Km दूर से दिखेगी।
राम मंदिर में पहली बार राम-सीता विवाह उत्सव मनाया जा रहा है।
इस दौरान 8 हजार लोगों के पहुंचने का अनुमान है।
इनमें से ढाई हजार लोगों के रुकने के लिए तीर्थ पुरम में टेंट सिटी बसाई जा रही है।
25 नवंबर को VIP मूवमेंट की वजह से आम लोग दर्शन नहीं कर सकेंगे।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि कुल मिलाकर, सात झंडे होंगे।
एक मुख्य मंदिर के गुंबद के लिए और बाकी छह अन्य मंदिरों के लिए।
कार्यक्रम के दिन, लगभग 15 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी।
हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई परेशानी न हो, क्योंकि भीड़ प्रबंधन के लिए उचित व्यवस्था की गई है।
मिश्र ने बताया कि राम बारात और उससे जुड़े कार्यक्रमों में किसी भी तरह की असुविधा न हो इसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
उनके मुताबिक, आगामी 26 नवंबर को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये रामलला का गर्भगृह 16 घंटे से ज्यादासमय तक खुला रहेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी कर्मचारियों को तीर्थयात्रियों के साथ व्यवस्थित और विनम्र व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये हैं।
मिश्र ने राम मंदिर पर ध्वजारोहण की तैयारियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मुख्य मंदिर के शिखर पर ध्वज लगाने के लिए तकनीकी और हस्तगत दोनों ही प्रणालियों को सुदृढ़ किया गया है। उनके मुताबिक, परिसर के सातों मंदिरों के ध्वज त्रिकोणीय होंगे और उन पर केवल ओम का चिह्न होगा और वे मुख्य मंदिर के ध्वज से छोटे होंगे। उन्होंने बताया कि ध्वजारोहण के दो सफल परीक्षण पहले ही पूरे हो चुके हैं तथा सभी मंदिरों के शिखरों पर लगे ध्वज स्थायी रहेंगे और उन्हें वर्ष में केवल एक या दो बार ही बदलने के लिए उतारा जाएगा।
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