भोपाल ! मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर बाज़ी मार गए. शिवराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना वन नेशन, वन इलेक्शन और चुनाव सुधार पर एक कमिटी बना दी. पर इस बार चौहान चूक गए, चुनाव सुधार कमिटी का जिम्मा उन्होंने चुनाव आयोग के कठघरे में घड़े मंत्री को ही सौंप दिया. अपने खास और मध्यप्रदेश के जनसम्पर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा इस समिति के अध्यक्ष बनाये गए हैं. मालूम हो कि खुद नरोत्त्तम मिश्रा की पिछले विधानसभा चुनाव की जीत पेड़ न्यूज़ मामले में सवालों के घेरे में हैं. मंत्री जी पर आरोप है कि पैसे देकर उन्होंने अपने पक्ष में खबरें प्रकाशित करवाई. इससे वोटर प्रभवित हुए. मालूम हो कि इस मामले में अभी फैसला विचाराधीन है. आशंका है कि मंत्री जी के चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है. क्या चुनाव सुधार समिति में उनका होना सही है ?
मालूम हो कि वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर सीएम शिवराज सिंह ने नई पहल शुरू की है. चुनाव सुधार की पहल करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा.मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बकायदा इसके लिए जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में 10 सदस्ययीय कमेटी का गठन किया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव करवाने के पक्ष में हूं. उन्होनें कहा कि चुनाव सुधार में मध्यप्रेदश का भी दिया. हो इसके लिए इस दिशा में बेहतर कार्य के लिए ये चुनाव सुधार समिति बनाई गई है. यह कमेटी 6 महीने में सरकार को अपने सुझाव देगी. इन सुझावों को भारत सरकार और चुनाव आयोग के पास भेजा जाएगा. समिति प्रदेश के सभी वर्गों के सुझाव लेगी, जिसमें अधिकारी, जनता, नेता, सभी शामिल होंगे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की एक साथ चुनाव करने से देश को लाभ मिलेगा. पूरे देश मे तीन चार माह में कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं, जिसके चलते विकास के काम रुक जाते हैं. उन्होनें कहा कि चुनाव के कारण सभी अधिकारी व्यस्त हो जाते हैं और विकास योजनाओं को विराम देना पड़ता है. इससे बचने के लिए पूरे देश में एक साथ ही चुनाव होना चाहिए.
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