MP Vidhan Sabha Winter Session: मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर में शुरू होने जा रहा है।
इस बार सत्र पांच दिनों का होगा, जिसमें कुल 4 बैठकें प्रस्तावित की गई हैं।
विधानसभा सचिवालय की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।
सत्र 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान एक दिन बुधवार को अवकाश रहेगा।
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महत्वपूर्ण विधेयक सदन में पेश करने की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य सरकार इस सत्र में कुछ महत्वपूर्ण विधेयक सदन में पेश करने की तैयारी में है।
इनमें वित्तीय प्रावधानों और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े प्रस्ताव शामिल हो सकते हैं।
सरकार का कहना है कि यह सत्र “संक्षिप्त लेकिन प्रभावी” होगा और इसमें नीति आधारित चर्चाओं पर जोर दिया जाएगा।
शीतकालीन सत्र में इस बार विधायक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से सवाल पूछ सकेंगे।
विधायकों के प्रश्न लगाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और अन्य संसदीय प्रक्रियाओं की समयसीमा भी तय कर दी गई है।
बता दें कि 1 अक्टूबर से अरविंद शर्मा विधानसभा के नए प्रमुख सचिव बनाए गए हैं।
उनसे पहले इस पद पर अवधेश प्रताप सिंह थे, जो 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हुए और इसके बाद उन्हें मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया।
विपक्ष ने 4 बैठकें तय किए जाने पर आपत्ति जताई
वहीं सत्र की तारीखों की घोषणा होते ही विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने केवल चार बैठकें तय किए जाने पर आपत्ति जताई है।
उनका कहना है कि सरकार जानबूझकर छोटा सत्र बुला रही है ताकि विपक्ष को मुद्दों पर सवाल उठाने का पर्याप्त अवसर न मिले।
सिंघार ने आरोप लगाया कि सरकार सदन में चर्चा से बचना चाहती है, इसलिए बहस के दिनों की संख्या घटाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष बेरोजगारी, जातीय तनाव और कानून-व्यवस्था की स्थिति जैसे मुद्दों पर सदन में जोरदार तरीके से सरकार को घेरने की तैयारी में है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार विधानसभा की कार्यवाही के लाइव प्रसारण से परहेज़ कर रही है, ताकि जनता के सामने वास्तविक स्थिति न आ सके।
