#Madhypradesh 8 रुपए लागत का प्याज 3.72 में बिका तो किसान को पड़ा दिल का दौरा, मौत
300 से 400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है प्याज मंडी में
मंदसौर. जिस मंदसौर से मध्यप्रदेश में पिछले साल किसानों का आंदोलन शुरू हुआ था। वहां अब भी किसानों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 8 रुपए लागत का प्याज 3.72 में बिका तो किसान को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। घटना मंदसौर कृषि उपज मंडी की है। किसान प्याज बेचने आया था। प्याज के दाम जैसी उम्मीद थी वैसे नहीं मिले तो किसान को हार्ट अटैक हुआ और उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
दरअसल, मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ तहसील के उजागरिया गांव का किसान भेरूलाल मालवीय अपना 27 क्विंटल प्याज लेकर आया था। मंडी में उसने बेचने के लिए लगाया बदले में उसे मिले केवल 10045 रुपये, 372 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्याज बिका। वह व्यापारी से प्याज की कीमत लेकर लौटा। उसके बाद उसने सीने में तेज दर्द की शिकायत की। लोगों ने उसे तुरंत ही चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। लोगों ने बताया कि मंडी से प्याज के पैसे लेने के बाद भेरूलाल मालवीय (40 वर्ष) ने सीने में दर्द की शिकायत की और जमीन पर गिर पड़ा।
परिवार के सामने पालन-पोषण का संकट : उजागरिया गांव के रहने वाले किसान भेरूलाल मालवीय के घर रविवार को मातम पसर गया। भेरूलाल का पुत्र रवि जो अभी नाबालिग है वह भी भेरूलाल के साथ प्याज बेचने गया था। उसकी आंखों के सामने ही भेरूलाल को दिल का दौरा पड़ा। भेरूलाल के परिजनों का कहना है कि प्याज की सही कीमत न मिलने के कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई। परिजनों ने चिंता जताई कि भेरुलाल के परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं अब उनका पालन पोषण कैसे होगा? उन्होंने सरकार से मदद की अपील की है।
खेत से मंडी तक लाने का खर्चा भी नहीं निकलता
प्याज के भाव 50 रुपए प्रति क्विंटल से 800 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहा है। हालांकि औसत कीमत 300 रुपए प्रति क्विंटल से 400 रुपए प्रति क्विंटल है। किसानों का कहना है कि इसमें लागत तो दूर, तैयार प्याज को खेत से मंडी तक लाने का खर्चा भी नहीं निकलता है।किसानों का कहना है कि मौजूदा हालात ऐसे है कि उनको पैदावार लागत भी नहीं मिल पा रहा है। किसान ने बताया कि एक किलो प्याज उगाने में 8 रुपए खर्च आ रहा जबकि बाजार से केवल 1 रुपए ही मिल रहे हैं। दूसरी ओर बिचौलियों की वजह से प्याज की सस्ती कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं को भी नहीं मिल रहा है। देश में प्याज उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। लेकिन यहां इस साल प्याज की कीमतों में 83 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
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