मैं जानता हूं, आज के दौर में सरकार और अफसरों को ऐसी चिट्ठी लिखना खतरे को न्योता देना है,पलटवार की पूरी संभावना है, पर सच सरकार के सामने लाना जरुरी
माननीय मुख्यमंत्री जी,
पिछले एक साल का आपका कार्यकाल ठीक रहा। साल की विदाई आपने माफिया राज से मुक्ति के ऐलान के साथ की। आपके ऐलान पर दूसरे मुख्यमंत्रियों की घोषणाओं जैसा ही शक था, पर आपके केंद्र सरकार के कार्यों और व्यक्तित्व से ये उम्मीद जगी थी कि कुछ जमीनी कार्रवाई होगी। शुरुवात में माफिया मुक्ति के अभियान ने उम्मीद भी जगाई। पर अब ये अभियान भी सिर्फ दिखावा है। पुरानी सरकारों के अभियान की तरह। इसमें कुछ भी नयापन नहीं है। एक तरह से आप भी निराश ही कर रहे हैं।
इस पत्र का मकसद आपको ये बताना है कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आपको सिर्फ कागज़ी नाम दे रहे हैं। ऐसी इमारतों पर कार्रवाई हो रही है जिनमे जनता का पैसा लगा है। भू-माफिया को ऐसी इमारतों से कोई नुकसान नहीं हो रहा। आपके अफसर चुनिंदा और ऐसी इमारतों पर कार्रवाई कर रहे हैं, जिन्हे भू-माफिया बेच चुके हैं। इससे सिर्फ उन आम आदमियों का नुकसान हो रहा है जिसने इन इमारतों, कॉलोनियों में आशियाना ख़रीदा। इनमे से कई इमारतें ऐसी हैं जिनका नगर निमग, टाउन एंड कंट्री प्लान, रजिस्ट्रार ऑफिस और बैंक से अनुमति मिली हुई है। अब आप ही बताइए कमलनाथ जी, इन इमारतों में पैसा लगाने वाले कानूनी रूप से कहां गड़बड़ है। बेहतर होता कि माफिया से इसका पैसा वसूलते आम आदमी को कुछ जुरमाना लेकर इन इमारतों को वैध कर देतें।
कमलनाथ जी क्या आपको लगता है आपके अधिकारी बिलकुल सही काम कर रहे हैं ? यदि आप वाकई इस कार्रवाई को सच मान रहे हैं तो आप को दुबारा पूरी कार्रवाई देखनी चाहिए। इंदौर से शुरवात करते हैं। लोकस्वामी के मालिक जीतू सोनी पर कार्रवाई के अलावा कोई ऐसी कार्रवाई नहीं दिखती जो आम आदमी को चौका दे। कमलनाथ सरकार की जय कहने का मन करे। इंदौर में जितने भी भू-माफिया गिरफ्तार किये गए सब बरसों पुरानी सूची वाले हैं। इनपर कार्रवाई कोई नई नहीं,सभी पर केस चल रहे हैं। इसके अलावा वही पुराना तरीका सहकारिता संस्थाओं पर आपके माननीय अफसरों ने धावा बोल दिया। असली और नए सफेदपोश माफिया पर कार्रवाई की हिम्मत आपके अफसर नहीं कर रहे।
कुछ इन इमारतों पर भी गौर करिये -इंदौर में सयाजी होटल के अतिक्रमण को हटाने के लिए कोर्ट ने भी आदेश दे दिया। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं। रेडिसन ब्लू होटल के पिछले हिस्से में रेसिडेंशियल मकानों को जोड़कर निर्माण किया गया। इसके अलावा शहर की लगभग सभी होटलों में अवैध निर्माण है। इ ए बी रोड पर खड़े सी-21 और मल्हार मेगा मॉल में पार्किंग की जगह बिग बाजार और, मोर जैसे स्टोर खुले हुए हैं। दोनों मॉल के बीच की सरकारी सड़क पर मॉल माफिया ने कब्ज़ा कर लिया है। रस्से डालकर पार्किंग बना ली है। इस रोड से गुजरने वालों को माफिया के बाउंसर धमका रहे हैं। नेक्स्ट टीआई के निर्माण की भी यही कहानी है। ऑर्बिट मॉल, सी-21 मॉल, मल्हार मेगा मॉल दरअसल कई प्लाट को जोड़कर खड़ा किया गया है। इनके संयुक्तिकरण की कहीं कोई अनुमति नहीं ली गई है। आखिर इन पर कार्रवाई क्यों नहीं? (यदि जीतू सोनी पर वाकई हनीट्रेप की ख़बरों के प्रकाशन पर कार्रवाई नहीं की गई है, तो कुछ इमारतों को छोड़ देने से शक बना रहेगा )
ऐसे ही निजी हॉस्पिटल की इमारतों को क्यों छोड़ा जा रहा है। सयाजी के सामने वाली लाइन में दक्ष होटल पर कार्रवाई हुई, पर दक्ष जैसे हे अवैध निर्माण वाले उस होटल से लगे भंडारी, ज्योति हॉस्पिटल को छोड़ दिया गया। इन हॉस्पिटल का पार्किंग पर कब्ज़ा है और पूरी पार्किंग सड़क पर है। इसके अलावा इनका निर्माण भी सड़क तक फैला हुआ है। मेदांता, लाइफ लाइन हॉस्पिटल के माफिया पर भी ध्यान दीजिये। यूनिक हॉस्पिटल सहित कई हॉस्पिटल का हाल कुछ ऐसा ही है।
माननीय मुख्यमंत्री जी आपने कुल 12 तरह के माफिया पर कार्रवाई को कहा है. पर कार्रवाई सिर्फ और सिर्फ भू-माफिया पर हो रही है। क्या बाकी को अभयदान दे दिया गया ? गरीबों को सामान निकालने तक का समय न देने वाले आपके पुलिस और प्रसाशन के अफसर कुछ अमीर चेहरों पर भी कार्रवाई का साहस करेंगे ? क्योंकि संगठित माफिया यही है ? कमलनाथ जी आपके पास अवसर है, अपनी अलग पहचान बनाने का, उसे दिखाने का। अफसरों के भरोसे सफलता नहीं मिलेगी। आपसे प्रदेश को बड़ी उम्मीद है।
एक नागरिक