शिवराज सरकार के कार्यकाल में 455 करोड़ के पौधरोपण घोटाले के मामले
में वनमंत्री ने अपनी ही कार्यकाल की जांच EOW से कराने की लिख दी नोटशीट
इंदौर। शिवराज सरकार द्वारा प्रदेश में रोपे गए पौधों में हुए कथित 455 करोड़ के भ्र्ष्टाचार की जांच करवाने का हाल ही में वनमंत्री उमंग सिंघार ने आदेश दिया है। उनके आदेश पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं क्योंकि जिस तरह की नोटशीट लिखी गई उसके आधार पर तो जांच में खुद कमलनाथ सरकार घिर गई है। सोशल मीडिया तक पर वन मंत्री की नोटशीट को लेकर जांच की मंशा पर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
तीन दिन पहले मीडिया को बुलाकर सिंघार ने भाजपा सरकार के समय नर्मदा नदी के किनारे किए गए पौधरोपण को बड़ा घोटाला बताते हुए EOW से जांच कराने की बात कही थी। लेकिन जो नोटशीट लिखी गई उसमें पौधरोपण का साल नर्मदा किनारे रोपे गए पौधों का न होकर चालू वर्ष 2019 का दर्ज किया गया है यानी सिंघार अपनी ही सरकार के कार्यकाल मे हुए पौधरोपण की जांच ईओडब्ल्यू से करवा रहे हैं।
वन मंत्री की 2 पेज की नोटशीट में तीन जगह पौधरोपण के समय का उल्लेख है लेकिन किसी एक जगह भी कथित घोटाले वाले पौधरोपण का सही वक़्त नहीं लिखा गया।
सरकार अगर नर्मदा किनारे रोपे गए पौधों में बड़ा भ्र्ष्टाचार होना मानती है तो इसकी जांच को लेकर तैयार नोटशीट पर कतई गंभीरता नहीं बरती गई। इस गंभीर मसले पर न तो अफसरों ने और न ही खुद सिंघार ने नोटशीट को जांचने की कोशिश की। नोटशीट में एक भी गलती अक्षम्य मानी जाती है लेकिन तीन-तीन जगह एक ही गलती दोहराना जानबूझकर किया गया कृत्य ज्यादा लगता है। अगर यह गलती है तो सिंघार संबंधित अफसरों पर कार्रवाई करेंगे, यह भी बड़ा सवाल है।