Himachal Pradesh Fully Literate State: हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है।
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऐतिहासिक ऐलान किया।
शिमला स्थित पीटरहॉफ में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया।
हिमाचल प्रदेश ने 99.02% साक्षरता दर दर्ज कर देश में पहला स्थान हासिल कर लिया है।
आज विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि हिमाचल प्रदेश पूर्ण साक्षर राज्य बनने जा रहा है। यह सफलता हमारे सभी शिक्षकों, नागरिकों और प्रशासन के सामूहिक प्रयासों की ऐतिहासिक उपलब्धि है। pic.twitter.com/oMLwhQGFCQ
— CMO HIMACHAL (@CMOFFICEHP) September 8, 2025
चौथा पूर्ण साक्षर राज्य बना हिमाचल
केंद्र सरकार की ‘उल्लास – न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम’ योजना के तहत हिमाचल प्रदेश देश का चौथा पूर्ण साक्षर राज्य बना है।
इससे पहले त्रिपुरा, मिजोरम और लक्षद्वीप यह दर्जा हासिल कर चुके थे। हिमाचल ने इन्हें पछाड़ते हुए शीर्ष स्थान पाया।
- हिमाचल प्रदेश – 99.02%
- मिजोरम – 98.02%
- लक्षद्वीप – 97.3%
- त्रिपुरा – 97.3%
कैसे होता है राज्य ‘पूर्ण साक्षर’ घोषित?
केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार, जब किसी राज्य की 95 प्रतिशत या उससे अधिक आबादी साक्षर हो जाती है, तभी उसे पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया जाता है।
हिमाचल ने यह लक्ष्य पार करते हुए 99.02 प्रतिशत दर हासिल की है। वर्तमान में राष्ट्रीय औसत साक्षरता दर 80.9 प्रतिशत है।
अब केवल 56,960 लोग निरक्षर
हिमाचल की अनुमानित आबादी करीब 75.5 लाख है। इनमें से अब केवल 56,960 लोग निरक्षर बचे हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि इन्हें भी जल्द साक्षर बनाया जाए ताकि प्रदेश सौ फीसदी साक्षरता दर प्राप्त कर सके।
लगातार चलाया गया अभियान
हिमाचल की साक्षरता यात्रा लंबी रही है। 2011 की जनगणना में यहां की साक्षरता दर 82.80 प्रतिशत थी।
2023 से 2025 के बीच राज्य में 43,885 लोगों को साक्षर बनाया गया। इन सतत प्रयासों के चलते आज हिमाचल यह उपलब्धि हासिल कर पाया है।
कैसे तय होती है साक्षरता?
यदि कोई व्यक्ति साधारण शब्द पढ़-लिख सके और गणित की सामान्य गणनाएं कर सके, तो उसे साक्षर माना जाता है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा, आज का दिन हिमाचल प्रदेश के लिए ऐतिहासिक है।
यह उपलब्धि हर नागरिक के लिए गर्व की बात है और शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश की प्राथमिकता को दर्शाती है।
केरल का नाम क्यों नहीं?
गौरतलब है कि देश का पहला साक्षर घोषित राज्य केरल है, जिसकी साक्षरता दर 95.3 प्रतिशत है।
हालांकि, केंद्र सरकार के ‘उल्लास प्रोग्राम’ में फिलहाल केवल चार राज्यों को ही पूर्ण साक्षर का दर्जा दिया गया है, जिनमें अब हिमाचल सबसे आगे है।
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