हाटपिपल्या सीट से राजवीर सिंह बघेल ने वापस लिया नाम
दीपक विश्वकर्मा, देवास.
मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री दीपक जोशी के लिए चुनावी मुश्किल कम होती दिखाई नहीं दे रही है। हालांकि कांग्रेस के खेमे से एक खबर ऐसी आई है, जिसे राजनीतिक चाणक्य जोशी के फायदे की कह सकते हैं। दरअसल कांग्रेस से बागी हुए निर्दलीय प्रत्याशी राजवीरसिंह बघेल ने खुद को मैदान से हटा लिया है। इस घटनाक्रम को भाजपा प्रत्याशी दीपक जोशी के अनुकुल मानकर देखा जा रहा है।
हाटपिल्या विधानसभा क्षेत्र में अब सीधा मुकाबला तो दीपक जोशी और कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चैधरी के बीच है, लेकिन इसमें पीछे के रास्तों से भी मुकाबले होने की आशंका है। दोनों ही प्रत्याशी अपने लोगों की नाराजगी से परेशान हो सकते हैं।
दरअसल पिछले चुनाव में राजवीर बघेल के पिता पूर्व विधायक राजेंद्रसिंह बघेल कांग्रेस प्रत्याशी थे और वर्तमान प्रत्याशी मनोज चैधरी के पिता नारायणसिंह चैधरी निर्दलीय चुनाव लड़े। चैधरी ने भारी संख्या में वोट प्राप्त किए और नतीजा यह हुआ कि दीपक जोशी चुनाव जीत गए और मंत्री भी बन गए।
इस चुनाव में ठीक उलट हुआ। पार्टी ने नारायणसिंह चैधरी के बेटे को उम्मीदवार बनाया। दूसरी तरफ बघेल निर्दलीय मैदान में कूदे। राजनीतिक पंडितों की सलाह और बड़े नेताओं से हुई बातचीत के बाद वे मैदान से हट गए। माना यही जा रहा है कि उनके चैधरी के पक्ष में काम करने की संभावना न के बराबर ही है।
जोशी की दिक्कत भी कम नहीं
मंत्री जोशी के लिए भी यह चुनाव मुसीबतों से भरा साबित हो रहा है। डबलचैकी क्षेत्र के गांव में रोड नहीं तो वोट नहीं के बोर्ड टंगे हैं। कैलोद में ग्रामीण उनको स्कूल के लिए घेर रहे हैं। नेवरी, हाटपिपल्या, चापड़ा रोड की हालत बेहद खराब है। ऐसे में उनके लिए भी राह आसान नहीं है। दूसरी तरफ चैधरी के समर्थन में पूरा खाती समाज जुटा है। ऐसे में चुनाव काफी कशमकश का होने की संभावना है।
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