अपने अजीजों से बिछड़ने का गम साफ दिख रहा था आने- जाने वालों के चेहरों पर
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Pahalgam terror attack-पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध और बिगड़ गए, जब नई दिल्ली ने इस्लामाबाद के खिलाफ वीजा रद्द करने सहित कई उपायों की घोषणा की। अटारी- वाघा बॉर्डर पर उमड़ी भीड़ और आँखों में भरा था समंदर
पिछले चार दिनों में 537 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान गए और 14 राजनयिकों-अधिकारियों समेत कुल 850 भारतीय पंजाब स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान से वतन लौटे हैं।
मगर इस दौरान साझे रिश्ते और साझी विरासत का दर्द दोनों देशों के नागरिकों में साफ दिखा। अमृतसर जिले में अटारी सीमा पर वाहनों की कतार लग गई, क्योंकि पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश जाने की जल्दी थी। पाकिस्तानी नागरिकों को विदाई देने उनके कई भारतीय रिश्तेदार और दोस्त आए थे। दोनों देशों के नागरिकों में अपने अजीजों से बिछड़ने की कसक उनके चेहरों पर साफ-साफ झलक रहा था। गमगीन और अश्रुपूरित माहौल में आते-जाते देख रहे थे। सबकी आंखें समंदर बनी हुई थी।
सरिता और उनका परिवार 29 अप्रैल को होने वाली एक रिश्तेदार की शादी के लिए भारत आए थे। वह, उनका भाई और उनके पिता पाकिस्तानी हैं, जबकि उनकी मां भारतीय नागरिक है। सरिता ने हुलसकर बताया, “हमलोग नौ साल बाद भारत आए थे. वे (अटारी के अधिकारी) हमें बता रहे हैं कि वे मेरी मां को साथ नहीं जाने देंगे। मेरे माता-पिता की शादी 1991 में हुई थी। वे कह रहे हैं कि भारतीय पासपोर्ट धारकों को अनुमति नहीं दी जाएगी। कहते-कहते सरिता बिलख पड़ी थी। ऐसा ही कुछ हाल वहां मौजूद हर किसी के चेहरे पर देखी जा सकती थी।
