इंदौर में कोरोना पॉजिटिव पाई गई तीन माह की बच्ची की सेहत में तेज़ी से सुधार
जल्द ही मिलेगी अस्पताल से छुट्टी
इंदौर। कोरोना से युद्ध में एक तीन महीने की बच्ची सबसे बड़ी योद्धा बनकर उभरी है। कोरोना से डरिये मत, इस बच्ची से सबक लीजिये, आप भी कोरोना को हरा देंगे। इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल में पिछले आठ दिन से भर्ती महज तीन महीने की एक बच्ची कोविड-19 का बहादुरी से मुकाबला कर रही है। यह संक्रमण मुक्त होने की दिशा में तेजी से बढ़ रही है।
जल्द ही उसके स्वस्थ हो जाने और अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) में के डॉ. रवि डोसी ने बताया कि कोरोना स्पेशल वार्ड में भर्ती तीन महीने की यह बच्ची हमारे अस्पताल में सबसे कम उम्र की मरीज है। उन्होंने कहा कि बच्ची अपने परिवार के अन्य सदस्यों के संपर्क में आने की वजह से संक्रमित हुई। उसका 12 साल का भाई भी कोरोना वायरस से संक्रमित है। हैरत की बात है कि बच्ची की 28 वर्षीय मां जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पायी गयी।
डॉ. डोसी ने बताया, ‘इलाज के बाद बच्ची की सेहत ठीक है और इसमें लगातार सुधार हो रहा है। हमें पूरी उम्मीद है कि वह जल्द ही कोरोना के संक्रमण से मुक्त होकर अपनी मां के साथ घर चली जायेगी।
‘ वहीं शिशु रोग विभाग की प्रमुख डॉ. स्वाति मुल्ये ने बताया कि संक्रमित पायी गयी बच्ची चार अप्रैल को अस्पताल में भर्ती हुई थी। उन्होंने बताया कि इलाज के साथ ही हम इस नन्ही मरीज के पोषण का भी ख्याल रख रहे हैं। दवाइयों के असर के कारण वह इस बीमारी से तेजी से उबर रही है।’ मुल्ये ने बताया कि मेडिकल प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर बच्ची की दो और जांच की जायेगी। अगर वह लगातार दोनों जांचों में इस महामारी से संक्रमित नहीं मिलती है, तो उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जायेगी।
You may also like
-
राजा रघुवंशी हत्याकांड पर बनेगी फिल्म, “हनीमून इन शिलांग” का पोस्टर भी जारी
-
राहुल-प्रियंका ने पूछे सवाल, PM मोदी बोले- दुनिया के किसी नेता ने जंग नहीं रुकवाई : पढ़ें लोकसभा और राज्यसभा में क्या-क्या हुआ?
-
संसद सत्र या सर्कस- नड्डा ने खड़गे को कहा मेन्टल, खड़गे ने कहा छोडूंगा नहीं
-
मानसून सत्र में बोलीं कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे- ऑपरेशन सिंदूर मीडिया में सरकार का एक ‘तमाशा’ था
-
मानसून सत्र में प्रियंका के तेवर कहा- रक्षा मंत्री क्यों नहीं बताते युद्ध विराम क्यों हुआ