प्रह्लाद पटेल के भिखारी वाले बयान पर कांग्रेस का डोर टू डोर कैंपेन

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prahalad patel interpretation भोपाल। मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के भिखारी वाले बयान से भाजपा दूरी बनती नजर आ रही है। तो लोधी समाज मंत्री के साथ खड़ा नजर आ रहा है वहीं कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया है। कांग्रेस ने कहा है कि वह इस बयान के विरोध में घर-घर पर्चे बांटेगी, जिन पर लिखा होगा-तुम भिखारी हो। इस बयान को भले ही एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन इस मामले पर सियासत अब भी गर्म है। आज 10 मार्च को भोपाल में किसान कांग्रेस के नेतृत्व में विशाल रैली होगी।

इस मुद्दे पर लोधी लोधा समाज पूरी तरह मंत्री के पक्ष में खड़ा है। समाज, जिला स्तर पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन कर रहा है और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का पुतला जला रहा है।
कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन
कांग्रेस इस मुद्दे को सड़क तक ले जाने की तैयारी में है। 6 और 8 मार्च को अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन हुआ। अब 10 मार्च को भोपाल में किसान कांग्रेस के नेतृत्व में विशाल रैली होगी। इसके बाद 11 से 15 मार्च तक भाजपा के सभी मंत्रियों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।

जितना तूल दे रहे वैसा मामला नहीं
अखिल भारतीय लोधी लोधा लोध क्षत्रिय महासभा जिला अध्यक्ष राहुल वर्मा लोधी का कहना है कि प्रहलाद पटेल एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वो समाज का मंच था। उन्होंने अपने मन की बात पूरे समाज के सामने रखी। जो भी कहा, वो सिर्फ हमारे समाज के लोगों को कहा। आपत्ति होनी चाहिए थी तो समाज के लोगों को होनी थी।

उन्होंने कहा कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसका राजनीतिकरण करने का प्रयास किया है। इससे समाज में बहुत नाराजगी है। पूरे प्रदेश में उनका पुतला दहन किया है। साथ ही राज्यपाल के नाम हर जिले में कलेक्टर को ज्ञापन दिया है।
इस पूरे विवाद के बाद प्रह्लाद पटेल द्वारा किये गए X पोस्ट भी काफी चर्चा में हैं।

राजनीतिक मोड़
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि लोधी लोधा समाज का स्टैंड राजनीतिक है। मंत्री ने खुद ये स्वीकार किया है कि सबसे पहले उन्होंने लोधी समाज को ही भिखारी कहा है। ये तो और भी आपत्तिजनक बात है। अगर हम अपने भाई-बंधुओं को इस भाषा में संबोधित करेंगे तो क्या ये उचित है?

बीजेपी खामोश क्यों है? इस पर अपना पक्ष क्यों नहीं रखती? वो पार्टी के सामान्य कार्यकर्ता नहीं हैं। मंत्री हैं। बीजेपी इस पर इसलिए चुप है, क्योंकि वो मानती है कि लोग भिखारी हैं। आवेदन कौन देता है। जो गरीब है, त्रस्त है, जो दलित है। पिछड़ा है, वंचित है।

 

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