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भोपाल। /उज्जैन। मध्यप्रदेश कांग्रेस गज़ब है। यहाँ कोई भी अध्यक्ष हो, प्रभारी हो फर्क नहीं पड़ता। चलती सिर्फ नेताओं की है। नए नवेले प्रदेश प्रभारी को पहली बैठक में ही मुंह की खानी पड़ी। इंदौर और उज्जैन संभाग के जिला अध्यक्षों और प्रभारियों की बैठक में जो हुआ उसने हरीश चौधरी को ये साफ़ करदिया कि ये आसान प्रदेश नहीं है। विधायकों ने सीधे -सीधे मुंह पर नए प्रभारी के विज़न को किनारे कर दिया। यही नहीं साफ़ शब्दों में ऐसा करने से इंकार भी कर दिया।
दरअसल कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने इंदौर और उज्जैन संभाग के जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों की बैठक ली। बैठक में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, और इंदौर, धार, झाबुआ, खरगोन, खंड़वा, हरदा, उज्जैन, देवास, आगर, शाजापुर के जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी मौजूद थे।
प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने जिलों के प्रभारियों से कहा कि एक महीने में कम से कम 5 दिन प्रभार के जिले में दौरे करें और संगठन के काम को गति दें। विधायकों ने वही जवाब दे दिया ऐसा नहीं कर पाएंगे। सिर्फ दो दिन दौरे कर पाएंगे। बाकी वक्त अपने इलाके में रहेंगे।
मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं, ये काम नहीं करूँगा
बैठक में झाबुआ विधायक और देवास जिले के प्रभारी डॉ विक्रांत भूरिया ने टूक कहा- मैं अब आदिवासी कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गया हूं। मेरी जिम्मेदारी बढ़ गई है। क्षेत्र में भी समय देना है। मेरी जगह किसी और को देवास जिले का प्रभार दे दें। इस काम पर वक्त नहीं दे सकूंगा।
विधायकों ने किया इंकार
भोपाल शहर के प्रभारी और तराना से विधायक महेश परमार ने कहा- मैं मुख्यमंत्री के गृह जिले से आता हूं। मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मैं दो दिन से ज्यादा कावक्त भोपाल में नहीं दे पाउंगा।मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने कहा -मैं ज्यादातर समय अपने क्षेत्र को देता हूं। मेरा क्षेत्र बड़ा है। मैं कितना भी प्रयास करूंगा तो दो-तीन दिन से ज्यादा का समय प्रभार के जिले झाबुआ में नहीं दे पाउंगा।
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