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भोपाल। चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। मध्यप्रदेश में बीजेपी ने अपने सभी प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। कांग्रेस के 18 उम्मीदवार अभी आना बाकी है। कई बड़े नेता चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं। कुछ पार्टी छोड़कर बीजेपी में जा चुके हैं। अब इंदौर और भोपाल तक में प्रत्याशी खोजने में पार्टी को पसीना आ रहा है।
इंदौर से प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को मैदान में उतारने का मन पार्टी बना चुकी है। गुना से अरुण यादव चुनाव लड़ना चाहते हैं, पर पार्टी यादव को खडंवा से उतारना चाहती है। गुना से जयवर्धन सिंह के नाम पर अंतिम फैसला होना है। छह विधायकों को भी मैदान में उतरना होगा।
पॉलिटिक्सवाला ने पहले ही इस बारे में खबर पोस्ट की थी …
मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक होगी। CEC की बैठक में एमपी की बाकी बची 18 सीटों पर चेहरे तय हो जाएंगे। कांग्रेस हेड क्वार्टर में होने वाली बैठक में एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी, प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह, स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष रजनी पाटिल, सीईसी मेंबर ओमकार सिंह मरकाम शामिल होंगे।
छह विधायकों के नाम पर सहमति
बीजेपी के राम मंदिर कार्ड के सामने कांग्रेस मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए विधायकों को चुनाव में उतार सकती है। मुरैना लोकसभा से जौरा विधायक पंकज उपाध्याय, दमोह सीट से बड़ा मलहरा विधायक रामसिया भारती, विदिशा से सिलवानी विधायक देवेंद्र पटेल, जबलपुर से लखन घनघोरिया, शहडोल से पुष्प राजगढ़ विधायक फुंदेलाल मार्को, मंदसौर में विधायक विपिन जैन को उतारा जा सकता है।
बडे़ नेता नहीं लड़ना चाहते हैं चुनाव
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस आलाकमान एमपी के सीनियर लीडर्स को चुनाव लड़ाने को कह रहा है। लेकिन कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सज्जन सिंह वर्मा सहित तमाम नेता चुनाव लड़ने के लिए राजी नहीं हैं। ऐसे में अब कांग्रेस युवाओं पर दांव लगा सकती है।
महिला उम्मीदवारों के चयन की चुनौती
बीजेपी ने एमपी की 29 में से 6 सीटों पर महिलाओं को टिकट दिए हैं। पहली सूची में चार और दूसरी लिस्ट में दो महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। अब कांग्रेस के सामने जिताऊ महिलाओं का चयन करना चुनौती बन रहा है।