कांग्रेस का कोई माई, बाप ही नहीं दिखता। आत्मघाती नेताओं (इनमे से ज्यादातर 70 प्लस के हैं ) को कांग्रेस को शाल, श्रीफल देकर घर बैठा देना चाहिए। सार्वजनिक समारोह में इस बात की घोषणा कि जानी चाहिए।
पंकज मुकाती (संपादक, politicswala )
कांग्रेस पार्टी ने देश के कई राज्यों में उपचुनाव में कुछ अच्छा प्रदर्शन किया। उम्मीद जगी। शायद, आने वाले चुनावों में पार्टी कुछ बेहतर कर पाए। उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी बेहद सक्रिय हैं।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल, राजस्थान में अशोक गेहलोत जैसे नेताओं ने कांग्रेस की उम्मीदों के दिए में अनवरत तेल उंडेला है,उंडेल रहे हैं।
इन बड़े राज्यों के अलावा कई और राज्यों में भी कांग्रेस बेहतर होती दिख रही है। पर शीर्ष पर नेतृत्व न होने से इस पार्टी में आत्मघाती दस्ते उम्मीदों को ध्वस्त कर रहे हैं।
ऐसे नेताओं की एक बड़ी फ़ौज इस पार्टी में इकठ्ठा हो गई है जो अपने बयानों से पार्टी का लगातार नुकसान कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह ये मोर्चा संभाले हुए हैं। उनके बयान हर बार भाजपा को एक संजीवनी देते हैं।
उत्तरप्रदेश में थोड़ा संभलती दिख रही कांग्रेस को ताज़ा झटका सलमान खुर्शीद ने दिया है। केंद्रीय मंत्री रहे सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे इस्लामिक आतंकी संगठनों से की है।
इससे जिस किस्म का भी धार्मिक ध्रुवीकरण उत्तर प्रदेश के वोटरों के बीच होना है, वह तो होगा ही, लेकिन उससे पहले भी उनकी किताब में लिखी गई यह बात बड़ी अटपटी है, बड़ी नाजायज भी है।
कांग्रेस के एक दूसरे बड़े मुस्लिम नेता, गुलाम नबी आजाद ने ट्विटर पर लिखा कि सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में भले ही हिंदुत्व को हिंदू धर्म की मिली-जुली संस्कृति से अलग एक राजनीतिक विचारधारा मानकर इससे असहमति जताई, लेकिन हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और जिहादी इस्लाम से करना तथ्यात्मक रूप से गलत और अतिशयोक्ति है।
पर गुलाम नबी आज़ाद की बात कहाँ तक पहुंचेगी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को ऐसे नेताओं पर कड़ी कार्रवाई कर एक सन्देश पूरे देश में देना चाहिए। इस पार्टी का कोई माई, बाप ही नहीं दिखता।
ऐसे आत्मघाती नेताओं (इनमे से ज्यादातर 70 प्लस के हैं ) को कांग्रेस को शाल, श्रीफल देकर घर बैठा देना चाहिए। सार्वजनिक समारोह में इस बात की घोषणा कि जानी चाहिए। आत्मघाती दस्तों के बीच कांग्रेस कभी भी नहीं उबर पाएगी।
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