Congress CWC Meeting Patna: बिहार की राजनीति में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक बन गया।
आजादी के बाद पहली बार पटना के सदाकत आश्रम में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक आयोजित हुई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत पार्टी के सभी बड़े नेता इस बैठक में शामिल हुए।
CWC की इस बैठक को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
CWC की विस्तारित बैठक
📍 पटना, बिहार pic.twitter.com/UdLZgwQauH
— Congress (@INCIndia) September 24, 2025
गहमागहमी और टिकट पर नाराजगी
बैठक शुरू होने से पहले कांग्रेस दफ्तर के गेट पर कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बहस देखने को मिली।
गया के टिकारी से आए कुछ कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण को लेकर नारेबाजी भी की।
यह घटना साफ तौर पर बताती है कि पार्टी को चुनावी तैयारी के साथ-साथ अंदरूनी असंतोष का भी सामना करना पड़ सकता है।
वहीं, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने बिहार में पार्टी का सीएम चेहरा कौन होगा के सवाल पर कहा, जीतकर आने के बाद जो फैसला होगा, वही बताया जाएगा।
उनका यह बयान साफ करता है कि फिलहाल कांग्रेस चुनाव को सामूहिक नेतृत्व के आधार पर लड़ना चाहती है और सीएम कैंडिडेट की घोषणा चुनावी नतीजों के बाद ही होगी।
सचिन पायलट ने कहा कि बिहार देश की राजनीति में बेहद अहम है। कांग्रेस यहां पूरी ताकत से उतरेगी और जनता बदलाव चाहती है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाएगी।
वहीं, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि पटना में यह बैठक कांग्रेस के गठबंधन को मजबूती देगी और राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका बड़ा संदेश जाएगा।
आज पटना के ऐतिहासिक सदाकत आश्रम में CWC की विस्तारित बैठक हुई।
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge और नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi के साथ CWC के सदस्य मौजूद रहे।
📍 बिहार pic.twitter.com/5dl1JF82ni
— Congress (@INCIndia) September 24, 2025
रेवंत रेड्डी और बिहार का DNA विवाद
बैठक में शामिल तेलंगाना कांग्रेस नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी चर्चा में रहे।
उन्होंने 2023 में तत्कालीन सीएम केसीआर पर हमला बोलते हुए कहा था कि तेलंगाना का DNA बिहार के DNA से बेहतर है।
इस बयान को बिहारियों ने अपमानजनक माना था। ऐसे में उनकी मौजूदगी बिहार की राजनीति में एक अलग संदेश दे रही है।
वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि इस बैठक के दौरान एक अहम विधेयक पास किया जाएगा, जिसका मसौदा पहले से तैयार है।
हालांकि, उन्होंने इसके विषय का खुलासा नहीं किया, लेकिन साफ किया कि इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश भरेगा।
दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पटना में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक को ऐतिहासिक बताया।
उन्होंने कहा बिहार कांग्रेस की विरासत में हमेशा से अहम रहा है। महात्मा गांधी का चंपारण सत्याग्रह हो या डॉ. राजेंद्र प्रसाद और बाबू जगजीवन राम जैसे नेता— बिहार ने हमेशा देश को दिशा दी है।
उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को गड़बड़ किया गया है, जो भाजपा की “वोट चोरी रणनीति” का हिस्सा है।
सदाकत आश्रम का ऐतिहासिक महत्व
सदाकत आश्रम का कांग्रेस और भारत की स्वतंत्रता संग्राम में गहरा नाता है। मौलाना मजहरूल हक ने 1921 में 21 एकड़ जमीन कांग्रेस को दी थी।
यही वह जगह है, जहां महात्मा गांधी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू ने आजादी की रणनीति बनाई थी।
इससे पहले यहां 1912, 1922 और 1940 में कांग्रेस की बैठकें हुई थीं, लेकिन आजादी के बाद पहली बार पटना इस अहम बैठक का गवाह बना।
बैठक के लिए 30,000 स्क्वायर फीट में जर्मन हैंगर टेंट तैयार किया गया, जो पूरी तरह एयर कंडीशन्ड है।
टेंट को खास अंदाज में सजाया गया है, जिसमें पेंटिंग्स के जरिए विभिन्न राज्यों की संस्कृति दिखाई गई।
कोलकाता से झूमर और डिजिटल लाइट्स मंगाई गईं, ताकि कार्यक्रम भव्य दिखे।
इस बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के तीन मुख्यमंत्री—हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के सिद्धरमैया शामिल हुए।
इसके अलावा कांग्रेस के सभी प्रदेश अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, CLP लीडर, सांसद और विधायक भी मौजूद रहे।
तेलंगाना में 2023 में हुई CWC बैठक के बाद कांग्रेस ने सत्ता हासिल की थी। पार्टी अब उसी रणनीति को बिहार में दोहराना चाहती है।
कांग्रेस का दावा है कि इस बैठक के जरिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और पार्टी खुद को राज्य की राजनीति के केंद्र में रख सकेगी।
कुल मिलाकर, पटना की यह बैठक सिर्फ बिहार चुनाव की तैयारी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की एकजुटता और शक्ति प्रदर्शन का मंच भी है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस इस बैठक से बिहार में भाजपा और क्षेत्रीय दलों के खिलाफ मजबूत चुनावी संदेश देने में सफल हो पाती है या नहीं।
