Mahagathbandhan Manifesto

Mahagathbandhan Manifesto

महागठबंधन का घोषणापत्र: हर घर सरकारी नौकरी, OPS समेत महिलाओं को ₹2500 प्रतिमाह जैसी कई बड़ी घोषणाएं

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Mahagathbandhan Manifesto: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है।

घोषणा पत्र का नाम- ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ दिया गया है, जिसमें तेजस्वी के 20 प्रण शामिल हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, VIP प्रमुख मुकेश सहनी और वाम दलों के नेता मौजूद थे।

मंच पर लगे पोस्टर में तेजस्वी यादव की तस्वीर सबसे प्रमुख थी, जबकि राहुल गांधी और अन्य नेताओं की तस्वीर अपेक्षाकृत छोटी दिखाई दी।

तेजस्वी यादव को महागठबंधन के सभी दलों का समर्थन मिला है और वह मुख्यमंत्री का चेहरा है।

अब महागठबंधन के घोषणापत्र के जवाब में NDA अपना संकल्प पत्र 30 अक्टूबर को जारी करेगा।

वहीं, तेजस्वी ने इसे लेकर टिप्पणी की— पहले वे यह तो बताएं कि उनका सीएम कौन है?

हमें सिर्फ सरकार नहीं, नया बिहार बनाना है- तेजस्वी 

गुरुवार को औपचारिक रूप से जारी महागठबंधन के घोषणापत्र को तेजस्वी यादव के नेतृत्व में प्रस्तुत किया गया।

जिसे गठबंधन ने केवल चुनावी दस्तावेज नहीं, बल्कि आने वाले बिहार का विज़न बताया।

दस्तावेज़ में कुल 20 प्रमुख वादों को शामिल किया गया है। जिनमें सबसे चर्चित वादा है— हर परिवार के एक सदस्य को 20 महीने के भीतर सरकारी नौकरी।

इसके लिए सरकार बनने के बाद 20 दिनों के भीतर विशेष अधिनियम लाने का आश्वासन दिया गया है।

घोषणापत्र जारी करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, हम सिर्फ सत्ता के लिए नहीं लड़ रहे, हमें बिहार बनाना है।

यह संकल्प-पत्र, सिर्फ वादों का पन्ना नहीं, बल्कि आने वाले पांच वर्षों का रोडमैप है। हम अपना प्रण पूरा करने के लिए प्राण तक झोंक देंगे।

तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर भी सीधा हमला किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी और नौकरशाही ने नीतीश कुमार को ‘पुतला’ बना दिया है और अब उनसे सिर्फ चेहरा इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने दावा किया कि NDA ने अभी तक अपने सीएम चेहरे पर स्पष्टता नहीं दिखाई है, जबकि महागठबंधन पूरी तरह तैयार है।

घोषणापत्र में शामिल प्रमुख 18 घोषणाएं

  1. हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी:
    सरकार बनते ही 20 दिनों में कानून बनाया जाएगा। 20 महीने के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होगी।

  2. संविदा कर्मियों और जीविका दीदियों का स्थायीकरण:
    जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और ₹30,000 वेतन मिलेगा। संविदाकर्मियों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा।

  3. 5 नए एक्सप्रेस-वे, इंडस्ट्रियल क्लस्टर और एजुकेशनल सिटी:
    IT, कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन उद्योगों के लिए रोजगार आधारित ढांचा विकसित होगा।

  4. पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू की जाएगी।

  5. माई-बहिन मान योजना:
    महिलाओं को हर महीने ₹2,500 की आर्थिक सहायता। बेटियों के लिए BETI और माताओं के लिए MAI योजना।

  6. हर परिवार को 200 यूनिट बिजली मुफ्त।

  7. माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के शोषण पर रोक के लिए विशेष कानून।

  8. प्रतियोगिता परीक्षा की फीस खत्म:
    परीक्षा केंद्र तक मुफ्त यात्रा सुविधा। पेपर लीक रोकने के लिए कड़े कानून।

  9. प्रत्येक अनुमंडल में महिला कॉलेज और 136 प्रखंडों में नए डिग्री कॉलेज।

  10. शिक्षकों-स्वास्थ्यकर्मियों के लिए गृह जिले से 70 KM के भीतर स्थानांतरण नीति।

  11. किसानों को सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी, मंडियों को फिर से सक्रिय किया जाएगा।

  12. हर व्यक्ति को ₹25 लाख तक मुफ्त स्वास्थ्य बीमा, जिला अस्पतालों में सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं।

  13. मनरेगा मजदूरी ₹300 और कार्य दिवस 100 से बढ़ाकर 200।

  14. SC/ST छात्रों में से 200 छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति।

  15. आरक्षण सीमा को आबादी के अनुपात में बढ़ाकर संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव।

  16. पंचायत और नगर निकायों में EBC का आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30%।

  17. अपराध के प्रति Zero Tolerance: SP और SHO के लिए निश्चित कार्यकाल।

  18. वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन और बौद्ध मंदिरों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की घोषणा।

रोजगार और महिला सशक्तिकरण पर फोकस

संपूर्ण दस्तावेज़ में बेरोजगारी, महिला सुरक्षा और आर्थिक आत्मनिर्भरता को मुख्य मुद्दा बनाया गया है।

महिलाओं को प्रतिमाह ₹2,500 की सहायता और ग्रामीण रोजगार कार्यक्रमों के विस्तार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ मिलने का दावा किया गया है।

VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने NDA पर तंज करते हुए कहा कि NDA 20 साल में कुछ नहीं कर पाई, अब अगर वादा करेगी तो जनता हंसेगी।

उन्होंने कहा कि महागठबंधन बिहार के लिए दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक सुधार की दिशा में काम करेगा।

महागठबंधन ने इस घोषणापत्र को बिहार के भविष्य और सामाजिक-आर्थिक सुधार के ‘मॉडल’ के रूप में पेश किया है।

इसमें एक तरफ रोजगार और आर्थिक सुरक्षा के बड़े वादे हैं, तो दूसरी तरफ सामाजिक न्याय और आरक्षण विस्तार को भी केंद्रीय स्थान दिया गया है।

अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता इसे कितना स्वीकार करती है और क्या ‘तेजस्वी प्रण’ वास्तविक राजनीतिक जनसमर्थन में बदल पाता है या नहीं।

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