Bhopal Garba Pandal: नवरात्रि के उत्सव की शुरुआत के साथ राजधानी भोपाल का एक पोस्टर विवादों में आ गया है।
अवधपुरी इलाके में श्री कृष्ण सेवा समिति के गरबा पंडाल के बाहर लगाए गए इस विवादित होर्डिंग ने माहौल गरमा दिया है।
इस पर लिखा है- जिहादियों का आना सख्त मना है, पकड़े जाने पर घर वापसी कराई जाएगी, जो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहे हैं।
होर्डिंग में जूते-चप्पल और लाठी की तस्वीरें भी दिखाई गई हैं, जिन्हें देखकर स्थानीय लोगों और आयोजकों के बीच विवाद बढ़ गया है।
पंडाल में प्रवेश के लिए समिति के 5 नियम
- माथे पर तिलक लगाना
- हाथों में कलावा पहनना
- आधार कार्ड दिखाना
- गंगाजल और गोमूत्र का आचमन करना
- वराह देवता व मां दुर्गा की तस्वीर के सामने नमन करना
श्री कृष्ण सेवा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि ये नियम सनातन धर्म और पंडाल में सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा, जो सनातन धर्म में विश्वास रखते हैं, मां-बहनों का सम्मान करते हैं और देवी को देवी मानते हैं, उनका स्वागत है।
परंपराओं का अपमान करने वालों को रोकने के लिए यह नियम जरूरी हैं।
जिन लोगों ने नियमों का पालन नहीं किया, उन्हें पकड़े जाने पर “घर वापसी” कराई जाएगी।
पंडाल के बाहर युवकों को सुरक्षा के लिए तैनात किया है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।
उनका दावा है कि यह कदम पंडाल में आने वाले लोगों और वहां पूजा-अर्चना में शामिल होने वाले भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।

धार्मिक परंपराओं की रक्षा या अपमान
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया इस विवादित होर्डिंग को लेकर मिली-जुली देखने को मिल रही।
कुछ लोगों ने इसे धार्मिक परंपराओं की रक्षा का प्रयास बताया, जबकि अन्य ने इसे साम्प्रदायिक और अपमानजनक बताया।
होर्डिंग में जूते, चप्पल और लाठी की तस्वीरें देखकर कई लोग इसे डराने-धमकाने की कोशिश मान रहे हैं।
सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल होने के बाद कई यूजर्स ने इस कदम की आलोचना की है और इसे विवादास्पद करार दिया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे कदम सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकते हैं। शहर में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने का खतरा रहता है, खासकर त्योहारों के दौरान।
हालांकि समिति का दावा है कि उनका मकसद किसी को अपमानित करना नहीं, बल्कि पंडाल में पूजा और गरबा के दौरान धार्मिक अनुशासन और सुरक्षा बनाए रखना है।
विवादित होर्डिंग्स से वातावरण में तनाव
नवरात्रि के अवसर पर भोपाल के अन्य पंडालों में आमतौर पर लोग भजन, गरबा और धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होते हैं।
लेकिन इस तरह की विवादित होर्डिंग्स से वातावरण में तनाव पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है।
किन कई नागरिक और सामाजिक संगठन इसे साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला कदम मान रहे हैं।
हिंदू संगठनों का कहना है कि उनका उद्देश्य धार्मिक परंपराओं और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
उन्होंने बताया कि नियमों के पालन से ही पंडाल में प्रवेश मिलेगा और जो इसे नहीं मानेंगे, उन्हें रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
भोपाल पुलिस ने पंडाल के आसपास की स्थिति पर नजर बनाए रखी है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बढ़ाई गई है।
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