CM Yogi Adityanath

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बरेली बवाल: CM योगी आदित्यनाथ बोले- मौलाना भूल गया किसका शासन है, ऐसा सबक सिखाएंगे…

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CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ (I Love Muhammad) को लेकर बड़ा बवाल हो गया।

हिंसक प्रदर्शन, पथराव और पुलिस पर फायरिंग तक की नौबत आई। पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालात काबू में किए। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान सामने आया है।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। हमने ऐसा सबक सिखाया है कि उसकी आने वाली पीढ़ियां दंगा करना भूल जाएंगी।

हिरासत में मौलाना तौकीर रज़ा

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा को देर रात पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

पहले उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया था और बाद में पूछताछ के लिए गुप्त स्थान पर ले जाया गया।

पुलिस ने उनके और उनके समर्थकों के मोबाइल फोन की जांच भी शुरू कर दी है, ताकि हिंसा में उनकी भूमिका का पता चल सके।

संभावना है कि पुलिस जल्द ही उनकी औपचारिक गिरफ्तारी दिखा सकती है।

अब तक बरेली हिंसा मामले में 10 एफआईआर दर्ज और करीब 40 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

इसके अलावा, 2000 अज्ञात लोगों पर 5 थानों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

बरेली में सन्नाटा, पुलिस फोर्स तैनात

26 सितंबर को जहां हिंसा और लाठीचार्ज हुआ था, वहां 27 सितंबर की सुबह सन्नाटा पसरा रहा।

सभी बाजार और दुकानें बंद रही। पुलिस बल के साथ RAF और PAC की टुकड़ियां इलाके में तैनात की गईं ताकि कोई नया उपद्रव न हो।

योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि धार्मिक जुलूस या नारों के नाम पर कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि उपद्रवियों की पहचान कर उन्हें जेल भेजा जाए और नुकसान की भरपाई भी उनसे ही करवाई जाए।

योगी का सख्त रुख- कर्फ्यू नहीं, सबक मिलेगा

CM योगी आदित्यनाथ ने बरेली घटना पर कहा कि मौलाना को लगा कि धमकी देंगे और जाम कर देंगे, लेकिन हमने साफ कह दिया कि न जाम होगा और न कर्फ्यू लगेगा।

2017 से पहले यूपी में यही होता था, लेकिन अब हमने उपद्रवियों को उनकी भाषा में जवाब देना शुरू किया है।

कभी-कभी बुरी आदतें छुड़ाने के लिए ‘डेंटिंग-पेंटिंग’ करनी पड़ती है, और बरेली में जो हुआ, वह यही था।

योगी ने पुरानी सरकारों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पहले दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर सम्मानित किया जाता था।

पेशेवर अपराधियों और माफियाओं से सत्ता हाथ मिलाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

कानपुर से हुई विवाद की शुरुआत 

“I Love Muhammad” विवाद की जड़ कानपुर है।

4 सितंबर को बारावफात (ईद-मिलाद-उन-नबी) के जुलूस के दौरान एक समूह ने ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा बैनर और लाइटबोर्ड जुलूस मार्ग पर लगाया।

हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया। पुलिस ने बैनर हटाए और 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। 15 अज्ञातों पर भी FIR हुई। इसके बाद यह विवाद फैलता चला गया।

धीरे-धीरे अन्य शहरों में भी ‘I Love Muhammad’ बैनर और रैलियां दिखने लगीं। इसके जवाब में हिंदू समुदाय ने “I Love Mahadev” और “I Love Mahakaal” जैसे बैनर लगाए।

वाराणसी, बाराबंकी और लखनऊ में तनाव

  • वाराणसी: पुलिस ने बिना अनुमति जुलूस निकालने पर 4 लोगों को गिरफ्तार किया। ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाने पर 12 लोगों पर FIR हुई।
  • बाराबंकी: जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में ‘I Love Muhammad’ का बैनर फाड़े जाने से हंगामा हुआ। देर रात तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आईं। पुलिस ने गांव में भारी बल तैनात कर स्थिति को नियंत्रित किया।
  • लखनऊ: BJP नेता अमित त्रिपाठी ने कई जगह ‘I Love Bulldozer’ और ‘I Love Yogi Adityanath Ji’ के होर्डिंग लगवाए। ये वीवीआईपी चौराहा, समता मूलक चौराहा और जानकीपुरम इलाके में लगाए गए।

धार्मिक नेताओं की प्रतिक्रिया

  • शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अलीगढ़ में कहा कि I Love Muhammad” अभियान किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है। इसके पीछे कोई मास्टरमाइंड हो सकता है, जो देश में लोगों को भड़काना चाहता है।
  • वहीं मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने अपील की कि नमाज के बाद जो हिंसा हुई, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मुसलमान कानून अपने हाथ में न लें। पैगम्बर-ए-इस्लाम का असली संदेश शांति और भाईचारा है। किसी को नुकसान पहुंचाना मोहब्बत नहीं बल्कि गलत रास्ता है।

कुल मिलाकर,  ‘I Love Muhammad’ विवाद ने उत्तर प्रदेश में बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा खड़ा कर दिया है।

जहां एक ओर मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह पैगम्बर मोहम्मद के प्रति मोहब्बत का इजहार है, वहीं हिंदू संगठनों का तर्क है कि यह धार्मिक उकसावे की साजिश है।

इस बीच, CM योगी आदित्यनाथ का सख्त संदेश यह है कि राज्य में अब न तो दंगाइयों को शरण मिलेगी और न ही कर्फ्यू लगाने की नौबत आएगी।

योगी सरकार का साफ है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को जेल ही उनका ठिकाना बनाना होगा।

 

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