कुछ बड़ा करने जा रही सरकार

कुछ बड़ा करने जा रही सरकार

रक्षा अभियानों के सीधे प्रसारण पर रोक… क्या बड़ा करने जा रही सरकार

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No Live coverage of Defence operations- मीडिया चैनलों के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

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Pahalgam Terrorist Attack: No Live coverage of Defence operations-पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। खासकर पाकिस्तान को लेकर सरकार का कड़ा रुख है। इस बीच सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मीडिया चैनलों के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है। जिसमें सैन्य अभियान के लाइव कवरेज पर रोक लगा दी गई है। इस तरह का कदम एक सवाल उठाता है। क्या भारत कुछ बड़ा करने जा रहा है।

Pahalgam Terrorist Attack: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण न करने की सलाह दी गई है। एडवाइजरी में कहा गया, “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी का प्रयोग करें और मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें। ” रक्षा अभियानों के सीधे प्रसारण पर रोक… क्या बड़ा करने जा रही सरकार 

समय से पहले खुलासा शत्रुओं को मदद करेगा

एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा करने से अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है और परिचालन प्रभावशीलता तथा कर्मियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसमें करगिल युद्ध, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले और कंधार विमान अपहरण जैसी पिछली घटनाओं का हवाला दिया गया, जब “लाइव कवरेज से राष्ट्रीय हितों को लेकर प्रतिकूल परिणाम सामने आये थे। ”

लाइव कवरेज न दिखाने की सलाह

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का लाइव कवरेज न दिखाने की सलाह जारी की है। सलाह में राष्ट्रीय सुरक्षा के सर्वोपरि महत्व पर जोर दिया गया है और मौजूदा कानूनों और दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने का आग्रह किया गया है। मंत्रालय ने विशेष रूप से रेखांकित किया है कि रक्षा अभियानों से संबंधित “स्रोत-आधारित” जानकारी का कोई लाइव कवरेज, दृश्य या प्रसार नहीं होना चाहिए।

प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं

-परामर्श में मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्मों को चल रहे परिचालनों की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने की उनकी कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी की याद दिलाई गई है। हितधारकों से आग्रह किया गया है कि वे अपनी रिपोर्टिंग में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बनाए रखें।

-राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफार्मों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी कार्यों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी का प्रयोग करें और मौजूदा कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करें।

-विशेष रूप से, रक्षा संचालनों या आंदोलनों से संबंधित कोई भी वास्तविक समय कवरेज, दृश्यों का प्रसार या “स्रोत-आधारित” जानकारी पर आधारित रिपोर्टिंग नहीं की जानी चाहिए। संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों की सहायता कर सकता है तथा परिचालन प्रभावशीलता और कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।

-पिछली घटनाओं ने जिम्मेदार रिपोर्टिंग के महत्व को उजागर किया है। कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले (26/11) और कंधार विमान अपहरण जैसी घटनाओं ने यह प्रदर्शित कर दिया कि अप्रतिबंधित कवरेज से राष्ट्रीय हितों पर अनपेक्षित प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं।

-मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कानूनी दायित्वों से परे, यह सुनिश्चित करना हमारी साझा नैतिक जिम्मेदारी है कि हमारी सामूहिक कार्रवाइयों से चल रहे अभियानों या हमारे बलों की सुरक्षा पर कोई समझौता न हो।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पहले सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(पी) का पालन करने के लिए सलाह जारी की है। नियम 6(1)(पी) में कहा गया है कि “केबल सेवा में ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं चलाया जाना चाहिए जिसमें सुरक्षा बलों द्वारा किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान का लाइव कवरेज हो। मीडिया कवरेज को उपयुक्त सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा Periodic Briefing तक सीमित रखा जाएगा जब तक कि ऐसा ऑपरेशन समाप्त न हो जाए।”

-आतंकवाद विरोधी अभियानों का सीधा प्रसारण करना केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का उल्लंघन है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी टीवी चैनलों को आतंकवाद विरोधी अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण न करने की सलाह दी जाती है।

-सभी हितधारकों से अनुरोध है कि वे अपने कवरेज में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बनाए रखें तथा राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखें।

-यह परामर्श मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से जारी किया गया है।

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