नई दिल्ली। आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के भाजपा के साथ चुनाव लड़ने के एलान के बाद माहौल गर्म हो गया है।
अब इस पर कांग्रेस के सांसद जसबीर सिंह गिल ने कहा कि दोनों पार्टी अगर मिलकर भी चुनाव लडेंगी तब भी वह 117 सीटें नहीं ला पाएंगी।
कांग्रेस एमपी ने कहा,’भाजपा के साथ अमरिंद के गठबंधन करने के बाद उनकी राजनीतिक संभावनाएं खत्म हो रही हैं। कैप्टन की नई पार्टी और भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 117 उम्मीदवारों को लाना मुश्किल होगा।’
उन्होंने कहा,’ अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस छोड़कर चुप रहे होते और भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं जाते, तो शायद उनकी कांग्रेस में वापसी संभव होती, लेकिन जैसे ही वे भाजपा के साथ मिले उनकी कांग्रेस पार्टी में वापसी संभव नहीं होगी।
किसानों के विरोध को लेकर भाजाप पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि पंजाब के हर गांव के लोगों ने किसान आंदोलन में हिस्सा लिया और कृषि कानूनों को विरोध किया।’
उन्होंने कहा, ‘पंजाब में भाजपा की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है और हर गांव के लोगों ने किसान आंदोलन में भाग लिया है। इसलिए, पंजाब में भाजपा के लिए कोई समर्थन नहीं है। यहां तक कि अगर कैप्टन यहां किसी अन्य पार्टी के साथ चुनाव लड़ते हैं, तो इसका कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’
बता दें कि अमरिंदर सिंह ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ महीनों की लड़ाई के बाद कांग्रेस छोड़ दी और अपनी पार्टी बनाई। पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया और 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार को बाहर कर दिया।
वहीं आम आदमी पार्टी 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 20 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। शिरोमणि अकाली दल (SAD) केवल 15 सीटें जीतने में सफल रहा, जबकि भाजपा को 3 सीटें मिलीं थी।
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