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Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट केस में NIA ने डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन सईद, डॉ. आदिल अहमद और मुफ्ती इरफान अहमद को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया।
कोर्ट ने चारों आरोपियों को 10 दिन की NIA कस्टडी में भेज दिया है।
इस केस में NIA ने कुल 6 आरोपियों को अरेस्ट किया था।
उधर जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने गुरुवार को कश्मीर टाइम्स अखबार के जम्मू ऑफिस पर छापा मारा।
जहां से AK राइफल के कारतूस, पिस्तौल के राउंड और हैंड ग्रेनेड पिन बरामद की गई।
यह कार्रवाई पब्लिकेशन के देश के खिलाफ गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में की गई।
वहीं आतंकी डॉक्टरों की ‘पनाहगार’ रही फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा कस गया है।
ED ने बुधवार को यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद को साकेत कोर्ट में पेश किया।
कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद जवाद को 13 दिन की रिमांड पर ED को सौंप दिया।
NIA को आज कोर्ट से जिन 4 आरोपियों की रिमांड मिली है. उनमें 3 डॉक्टर और एक मस्जिद का मुफ्ती है।
जांच एजेंसी का दावा है कि इन चारों ने धमाके के लिए जरूरी मदद, योजना और ग्राउंड सपोर्ट उपलब्ध कराया।
ब्लास्ट में अब तक 15 लोगों की मौत
10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं।
पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने इस हमले को आधिकारिक तौर पर घृणित आतंकी हमला करार दिया था।
और कहा था कि दोषियों को सबसे कठोर सजा दिलाई जाएगी।
NIA के मुताबिक, अब तक 73 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें कई घायल भी शामिल हैं।
मिले तकनीकी और लॉजिस्टिक लिंक
इससे पहले NIA ने इस मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
इनमें एक आमिर राशिद अली था, जिसके नाम पर वह वाहन रजिस्टर्ड था जो धमाके में इस्तेमाल हुआ।
दूसरे का नाम जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश था, जिसने मॉड्यूल को तकनीकी सपोर्ट मुहैया कराया. दोनों से अभी पूछताछ चल रही है।
NIA मान रही है कि इससे धमाके की साजिश का बड़ा हिस्सा खुल सकता है।
विदेशों तक पहुंची जांच
धमाके की गूंज अब भारत की सीमाओं से बाहर भी पहुंच चुकी है।
NIA ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए सऊदी अरब, मालदीव, तुर्की सहित कई देशों से भी इनपुट जुटाने शुरू कर दिए हैं।
एजेंसी को शक है कि साजिश के कुछ हिस्से विदेश में बैठे नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
NIA के अधिकारियों का कहना है कि यह आतंकी मॉड्यूल केवल दिल्ली या जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं है,
बल्कि इसके तार कई राज्यों में फैले हुए हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
अगले 10 दिन होंगे अहम
कोर्ट द्वारा दी गई 10 दिन की कस्टडी को जांच का सबसे निर्णायक चरण माना जा रहा है।
इन आरोपियों से पूछताछ के जरिए NIA धमाके की पूरी साजिश, फंडिंग, विदेशी लिंक
और नेटवर्क में शामिल बाकी लोगों की पहचान करने की कोशिश करेगी।
अल फलाह विश्वविद्यालय के 200 से अधिक डॉक्टर और कर्मचारी जांच के दायरे में
दिल्ली ब्लास्ट मामले में अल फलाह विश्वविद्यालय के 200 से अधिक डॉक्टर और कर्मचारी जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं।
विश्वविद्यालय के कई कर्मचारी बुधवार को अपने सामान को गाड़ियों में भरकर गेट से बाहर निकलते देखे गए।
विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, वे छुट्टी लेकर अपने घर लौट रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां विस्फोट के बाद विश्वविद्यालय छोड़ने वाले लोगों की संख्या का पता लगा रही हैं
और उनकी पहचान करने की कोशिश कर रही हैं। उन्हें संदेह है कि इनमें से कई लोग आतंकवादियों से जुड़े थे.
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