गांधी परिवार से वफादारी के चलते नरसिंह राव सरकार के दौरान तमाम मुश्किलों से भी घिरे रहे पटेल
पर किसी से मदद नहीं मांगी
इंदौर। कांग्रेस के संकटमोचक और सलाहकार कहे जाने वाले अहमद पटेल का बुधवार सुबह निधन हो गया। 71 साल के पटेल पर गांधी परिवार का बेहद भरोसा रहा। राजीव गांधी ने उन्हें अपना संसदीय सचिव बनाया था। इसके बाद वे पूरी ज़िंदगी कांग्रेस और गाँधी परिवार के करीबी बने रहे। वे सोनिया गांधी के सबसे करीबी सलाहकारों में शामिल थे।
गांधी परिवार से पटेल की नजदीकियां इंदिरा के जमाने से थीं। 1977 में जब वे सिर्फ 28 साल के थे, तो इंदिरा गांधी ने उन्हें भरूच से चुनाव लड़वाया। पटेल एक ऐसे नेता हैं जो हमेशा कांग्रेस संगठन को मजबूत करने में जुटे रहे। 28 साल की उम्र में सांसद बनने के बावजूद पटेल ने कभी किसी भी सरकार में मंत्री पद नहीं लिया। आज के दौर में पदों की लड़ाई में उलझे कोंग्रेसियों के लिए पटेल एक मिसाल रहे हैं।
इंदिरा से राहुल तक के करीबी रहे
अहमद पटेल की पूरी ज़िंदगी गांधी परिवार को ही समर्पित रही। इंदिरा गांधी ने उन्हें पहला चुनाव लड़वाया 1980 और 1984 के वक्त और बढ़ गया जब इंदिरा गांधी के बाद जिम्मेदारी संभालने के लिए राजीव गांधी को तैयार किया जा रहा था। तब अहमद पटेल राजीव गांधी के करीब आए।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी 1984 में लोकसभा की 400 सीटों के बहुमत के साथ सत्ता में आए थे और पटेल कांग्रेस सांसद होने के अलावा पार्टी के संयुक्त सचिव बनाए गए। उन्हें कुछ समय के लिए संसदीय सचिव और फिर कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया।वे राजीव गांधी के साथ हर मोर्चे पर खड़े रहे।
राव सरकार के दिनों में उन्हें किनारे कर दिया
घर खाली करने का नोटिस भी मिला
1991 में जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने तो अहमद पटेल को किनारे कर दिया गया। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्यता के अलावा अहमद पटेल को सभी पदों से हटा दिया गया।
उस वक्त गांधी परिवार का प्रभाव भी कम हुआ था, इसलिए परिवार के वफादारों को भी मुश्किलों से जूझना पड़ा। नरसिम्हा राव ने मंत्री पद की पेशकश की तो पटेल ने ठुकरा दी। वे गुजरात से लोकसभा चुनाव भी हार गए और उन्हें सरकारी घर खाली करने के लिए लगातार नोटिस मिलने लगे, लेकिन किसी से मदद नहीं ली।
You may also like
-
विवाद के बाद ‘प्रादा’ बेचेगा ‘मेड इन इंडिया’ कोल्हापुरी , कीमत होगी करीब 84,000 रु.
-
2025 की चर्चा .. सोशल मीडिया ने लोकतंत्र खत्म किया तानाशाही जोड़ी
-
वीर सावरकर अवॉर्ड’ की घोषणा और कांग्रेस के बागी सांसद शशि थरूर का बिदकना ।
-
मध्यप्रदेश … दलित के घर भोजन करने पर ‘बहिष्कार’ का फरमान, गंगा में स्नान कर करना पड़ा ‘पाप’ का प्रायश्चित
-
ओ तेरी… भाजपा ने स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओं में भी उगा लिया चंदा !
