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पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कश्मीर बंद, JKNC ने ‘पूरी तरह सफल’ बनाने का किया आग्रह

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Kashmir Bandh | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास खूबसूरत बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के विरोध में आज कश्मीर बंद का आव्हान किया गया है। इस हमले की निंदा करने के लिए, आतंकवाद के खिलाफ एकता का मजबूत प्रदर्शन करने के लिए जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) ने 23 अप्रैल (बुधवार) को कश्मीर बंद का आह्वान किया है। JKNC ने लोगों से इसे पूरी तरह सफल बनाने की अपील की है। पार्टी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि बंद सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं है, बल्कि इस तरह की हिंसा के खिलाफ आक्रोश की अभिव्यक्ति है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के विरोध में आज, बुधवार को पूर्ण बंद का आह्वान किया गया है। यह पहली बार है जब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक ने संयुक्त रूप से इस बंद का समर्थन किया है।

इस हमले में 26 लोग मारे गए, जो 2019 के बाद घाटी में सबसे घातक हमला माना जा रहा है। 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर और भारत के इतिहास में एक काले दिन के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।

जेकेएनसी ने एक्स पर लिखा, “पार्टी अध्यक्ष के निर्देश पर, जेकेएनसी पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए बंद के सामूहिक आह्वान में शामिल है। हम जम्मू-कश्मीर के लोगों से अपील करते हैं कि वे धार्मिक और सामाजिक नेताओं द्वारा आहूत इस बंद को पूरी तरह सफल बनाएं।”

हम सभी पर हमला- महबूबा मुफ़्ती

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की है और बंद का समर्थन करते हुए इसे “हम सभी पर हमला” बताया है। मुफ्ती ने एक्स पर लिखा “चैंबर और बार एसोसिएशन जम्मू ने पर्यटकों पर हुए भयानक आतंकवादी हमले के विरोध में कल पूर्ण बंद का आह्वान किया है। मैं सभी कश्मीरियों से अपील करती हूं कि वे पहलगाम में हुए क्रूर हमले में मारे गए निर्दोष लोगों के सम्मान में इस बंद का समर्थन करने के लिए एकजुट हों। यह केवल कुछ चुनिंदा लोगों पर हमला नहीं है – यह हम सभी पर हमला है। हम दुख और आक्रोश में एक साथ खड़े हैं और निर्दोष लोगों के नरसंहार की निंदा करने के लिए इस बंद का पुरजोर समर्थन करते हैं।

महबूबा ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘चैंबर एंड बार एसोसिएशन जम्मू ने पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के विरोध में कल (बुधवार) पूर्ण बंद का आह्वान किया है। मैं सभी कश्मीरियों से अपील करती हूं कि वे पहलगाम में हुए हमले में मारे गए निर्दोष लोगों के सम्मान में इस बंद का समर्थन करने के लिए एकजुट हों।’’

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा, ‘‘जब भी स्थिति में सुधार होता दिखता है, ऐसी गतिविधियां की जाती हैं… हम इसकी निंदा करते हैं और विश्वास और विचारधारा से परे इसके खिलाफ एकमत हैं।’’

अब तक का सबसे घातक हमला

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुआ आतंकी हमला 2019 में पुलवामा के बाद घाटी में नागरिकों पर अब तक का सबसे घातक हमला है। प्रत्यक्षदर्शियों और जीवित बचे लोगों ने खुलासा किया है कि हमलावरों ने पर्यटकों को उनके धर्म और पहचान के आधार पर निशाना बनाया।
नरसंहार में बची एक महिला पर्यटक ने पुलिस को एक संकट कॉल में बताया कि बंदूकधारियों ने उसकी कलाई पर शादी की चूड़ियाँ (चूड़ा) देखने के बाद उसके पति से संपर्क किया, उन्हें संदेह था कि वे हिंदू हैं। महिला ने रोते हुए कहा “उसने मेरे पति का नाम और धर्म पूछा। फिर उसने उसे गोली मार दी। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आतंकवादियों ने 50 से अधिक राउंड अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 3 से 5 मिनट तक फायरिंग हुई। अधिकांश पीड़ितों को नजदीक से गोली मारी गई।

अधिकारियों के अनुसार, मारे गए लोगों में से 25 पर्यटक थे, जबकि एक स्थानीय निवासी था। कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अनंतनाग जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मृतकों में दो भारतीय मूल के विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

एकजुट होने का समय आ गया

पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सजाद लोन, और कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और बंद में शामिल होने की घोषणा की।
पीडीपी विधायक वहीद पारा ने लोगों से निर्दोष लोगों के नरसंहार के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने क्षेत्र में हुई घटना के खिलाफ ‘जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ और जम्मू बार एसोसिएशन द्वारा दिए गए हड़ताल के आह्वान का समर्थन करते हुए मुफ्ती द्वारा की गई पोस्ट भी साझा की।

शांतिपूर्ण हो विरोध

कश्मीर के प्रमुख धार्मिक नेता और मुताहिदा मजलिस उलेमा (एमएमयू) के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने भी बंद का समर्थन किया। उन्होंने पवित्र कुरान का हवाला देते हुए कहा, “जो कोई भी एक निर्दोष आत्मा को मारता है, वह मानो पूरी मानवता को मार देता है।” उन्होंने कश्मीर के लोगों से इस जघन्य अपराध के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध के लिए बंद में भाग लेने की अपील की। मीरवाइज ने कहा कि इस तरह के क्रूर कृत्य इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ हैं, जो शांति और सद्भाव का संदेश देता है।

जम्मू-कश्मीर में विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, व्यापारिक निकायों और धार्मिक नेताओं ने इस बंद का समर्थन किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सजाद लोन, और कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन (केटीएमएफ) ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और बंद में शामिल होने की घोषणा की। प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन जम्मू-कश्मीर ने भी 23 अप्रैल को सभी निजी स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है।

सेना के विक्टर फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह, सीआरपीएफ और विशेष बलों सहित सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया है।
इस लक्षित हमले ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सदमे और निंदा को जन्म दिया है, और दिल्ली, मुंबई, जयपुर और अमृतसर सहित कई प्रमुख भारतीय शहरों में सुरक्षा अलर्ट बढ़ा दिया गया है।

दूसरी ओर, आतंकी हमले के जवाब में भारतीय एयरलाइंस ने यात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने और उन्हें जल्द से जल्द कश्मीर से बाहर निकालने के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ा दी है। बुधवार को एयर इंडिया और इंडिगो पर्यटकों को कश्मीर से बाहर निकालने के लिए श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए चार और उड़ानें संचालित करेंगी।

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