2011 में राहुल गांधी को अमूल बेबी कहा गया, उसके बाद अमूल ने भी उनका भरपूर उपयोग किया। पर राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद अमूल ने उन्हें एक नेता के तौर पर उपयोग किया। मतलब अमूल ने भी उन्हें बेबी से नेता मान लिया पर माकपा नेता अब भी उन्हें अमूल बेबी ही मानते हैं। क्यों ? राहुल गांधी को अमूल बेबी कह चुके वरिष्ठ मार्क्सवादी नेता वी एस अच्युतानंदन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष बच्चे जैसा बर्ताव कर रहे हैं और वह हालात से निपट नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं तो क्या बदल जाएगा? माकपा नेता ने कहा मैंने आठ साल पहले उन्हें अमूल बेबी कहा था अब भी वे वहीँ हैं, केरल से चुनाव लड़ने का फैसला करके उन्होंने इसे साबित कर दिया।
कांग्रेस ने जब से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ाने की घोषणा की है, तब से बीजेपी के साथ-साथ वामदल भी उनपर हमलावर हो गए हैं. केरल में सत्ताधारी सीपीएम के अखबार देशाभिमानी में राहुल गांधी को ‘पप्पू’ कहे जाने से विवाद पैदा हो गया है. ‘कांग्रेस के पतन के लिए पप्पू ने लगाया जोर’ शीर्षक से अखबार में संपादकीय लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में हार के डर से वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
चुनाव के महज कुछ दिन पहले इस संपादकीय की वजह से विवाद पैदा हो गया है. हालांकि, सीपीएम ने मामले को संभालने की कोशिश करते हुए कहा कि असावधानी की वजह से यह भूल हुई है. राज्य के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि यह सीपीएम का तरीका नहीं है और इस मामले में भूल हुई है. राहुल गांधी को ‘अमूल बेबी’ कह चुके वरिष्ठ मार्क्सवादी नेता वी एस अच्युतानंदन ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष बच्चे जैसा बर्ताव कर रहे हैं और वह हालात से निपट नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं तो क्या बदल जाएगा? वाम दल को राहुल और बीजेपी से एक साथ लड़ना होगा.’