अमूल नहीं “अमूल्य” घोषणा पत्र कहिये जनाब !
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अमूल नहीं “अमूल्य” घोषणा पत्र कहिये जनाब !

इंदौर। वामपंथी नेता द्वारा अमूल बेबी कहे जाने के 24 घंटे बाद राहुल गाँधी ने कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी करके इस बात के संकेत दिए कि वे बच्चे नहीं हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने युवा, किसान और हिन्दू तीनों बड़े मुद्दों पर फोकस किया। उन्होंने ये बताने कि कोशिश की है कि कांग्रेस किसी भी मुद्दे पर चुप नहीं रहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने घोषणा पत्र जारी करते हुए किसानों, गरीबों, बेरोजगारों के लिए खास वादे किए हैं. इसके अलावा उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी बात की. राहुल गांधी ने कहा कि हर साल गरीबों के खाते में 72 हजार रुपए जाएगा. इसके साथ ही बेरोजगारी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि आज देश के युवाओं के पास रोजगार नहीं है, ऐसे में हमने तय किया है कि सरकारी नौकरियों के खाली पड़े 22 लाख पदों को मार्च 2020 तक भर देंगे 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायत के जरिए नौकरी दी जा सकती है. वहीं किसानों के बारे में उन्होंने बताया कि किसानों के लिए अलग बजट का प्रावधान किया जाएगा, वहीं किसान अगर बैंक कर्ज नहीं चुका पा रहा है तो उसके खिलाफ फौजदारी नहीं, दिवानी मुकदमा दर्ज होगा। घोषणा पत्र काफी सधा हुआ और आक्रामक है। पिछले 15 सालों में कांग्रेस का ये सबसे अच्छा प्रयास है, ये कांग्रेस के लिए अमूल्य घोषणा पत्र हो सकता है।

घोषणा पत्र की अहम बातें:

कांग्रेस गरीबी पर वार के लिए काम करेगी. गरीब लोगों को सालाना 72 हजार रुपए दिए जाएंगे. यह पैसा सीधे गरीबों और किसानों की जेब में जाएगा. पहली बार ऐसा होगा कि गरीबों की जेब में सीधा पैसा दिया जाएगा.

शिक्षा के बजट पर जीडीपी का 6 फीसदी खर्च

5 करोड़ परिवारों के लिए न्याय योजना

मनरेगा में 100 दिन के बादले 150 दिन गारंटी रोजगार

किसानों के लिए अलग बजट

कर्ज नहीं चुकाने पर क्रिमिनल ऑफेंस नहीं, बल्कि सिविल ऑफेंस

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