भोपाल। कंप्यूटर बाबा। ये वो बाबा है जो कब लॉग आउट होंगे और कब लॉग ऑन कोई नहीं जानता। कभी दिग्विजय के करीबी रहे फिर शिवराज को नर्मदा यात्रा की पोल खोलने के नाम पर धमकाया। शिवराज से राजयमंत्री का पद लेकर चुप बैठ गए। जब देखा कि हवा कांग्रेस की चल रही है, तो राजयमंत्री पद छोड़कर कांग्रेस के साथ हो गए। कमलनाथ के शपथ समारोह में भी वे मंच पर दिखे। कंप्यूटर बाबा के भक्त बहुत है पर बाबा दिग्विजय के भक्त है, वे पूर्व मुख्यमंत्री के इशारों को पढ़ लेते हैं। रविवार को दिग्विजय सिंह ने हनुमानजी की जाति वाले नेताओं के बहिष्कार की अपील की, 12 घंटे के भीतर कंप्यूटर बाबा ने योगी आदित्यनाथ पर हमला बोल दिया. बोले योगी जी ने हनुमान जी का अपमान किया है, माफ़ी मांगे।
राजनीति में सक्रिय कम्प्यूटर बाबा ने भी आज कदम रखा और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग कर डाली. कम्प्यूटर बाबा ने साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर वे माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा.राजधानी भोपाल में आज कम्प्यूटर बाबा ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोला. उन्होंने योगी द्वारा बीते दिनों हनुमानजी की जाति को लेकर अलवर में दिए बयान को मुद्दा बनाया. पत्रकारों से चर्चा करते हुए बाबा ने कहा कि योगी ने हनुमान जी को लेकर जो बात कही है, वह बिल्कुल गलत है. इस मामले पर उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो हम उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे. बाबा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी दोनों ही धर्म विरोधी हैं. मुख्यमंत्री योगी के हनुमान जी को दलित बताने वाले बयान से हम बेहद दुखी हैं, इसलिए अब हम उनके खिलाफ कोर्ट तक जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमारे देवी-देवता किसी वर्ग विशेष के न होकर सभी के आराध्य हैं. योगी क्या किसी भी व्यक्ति को हमारे आराध्य पर इस तरह की टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. बाबा ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने अपना नाम राजनीति में चमकाने के लिए ऐसा बयान दिया जिसकी साधु संत समाज निंदा करता है.
विधानसभा चुनाव के कुछ समय पहले तक शिवराज कैबिनेट में मंत्री रहे कंप्यूटर बाबा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने विधायक का चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद टिकट न मिलने मिलने की आशंका पर उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया. वहीं बाबा को राजनीति में सक्रिय होता देख दिगंबर अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया, जिसके बाद अब वह ‘श्रीदशनाथ नर्मदा अखाड़ा’ बनाएंगे. अखाड़े के आराध्य भगवान श्री राम होंगे. उन्होंने कहा कि वे अपने का नाम जल्द ही तय करेंगे. उन्होंने बताया कि वे अभी तो 5 से 10 तारीख तक प्रयागराज रहेंगे. इसके बाद अपने अखाड़े का नाम तय करेंगे.
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