Dularchand Postmortem Report: बिहार के मोकामा में जन सुराज पार्टी के समर्थक और बाहुबली से नेता बने 76 वर्षीय दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में बड़ा प्रशासनिक एक्शन सामने आया है।
मामले को लेकर पुलिस ने घोसवरी थाना अध्यक्ष मधुसूदन कुमार और भदौर थाना अध्यक्ष रविरंजन को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया है।
ग्रामीण SP विक्रम सिहाग के अनुसार, अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनसे पूछताछ जारी है।
आरोप है कि घटना के दौरान दोनों थाना प्रभारियों ने समय रहते न तो हस्तक्षेप किया और न ही सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कर पाए।
इस हत्याकांड की शुरुआत उस समय हुई, जब दुलारचंद यादव मोकामा में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में चुनाव प्रचार कर रहे थे।
तनावपूर्ण राजनीतिक माहौल के बीच दोनों गुटों में भिड़ंत हुई और देखते ही देखते मामला हिंसक हो गया।
मृतक के पोते नीरज कुमार ने अपनी FIR में मोकामा के कद्दावर JDU नेता और उम्मीदवार अनंत सिंह के नामजद आरोप लगाए हैं।
दुलारचंद के पोते की FIR में क्या कहा गया?
नीरज कुमार ने FIR में लिखा है कि झड़प के दौरान अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने दुलारचंद को गाड़ी से खींचकर बाहर निकाला।
FIR के अनुसार, अनंत सिंह ने कमर से पिस्टल निकालकर फायर किया, गोली दादा के बाएं पैर के तलवे में लगी।
इसके बाद छोटन सिंह ने लोहे की रॉड से पैर, पीठ और सिर पर ताबड़तोड़ वार किए। फिर थार गाड़ी से 2-3 बार आगे-पीछे करके दादा को कुचल दिया।
परिजन जब उन्हें अस्पताल ले जा रहे थे, रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या आया सामने?
शुक्रवार को बाढ़ में मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तीन डॉक्टरों की टीम ने करीब दो घंटे पोस्टमॉर्टम किया।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
- सीने की कई पसलियां टूटी हुई मिलीं
- दोनों फेफड़ों में गंभीर चोट और फटाव
- शरीर पर गहरे जख्म, घर्षण और फटे हुए घाव (लैसेरेटेड वूंड्स)
- दाहिने पैर में गनशॉट इंजरी के निशान
- रीढ़ की हड्डी के पास गंभीर चोटें
- भीतरी रक्तस्राव (इंटरनल ब्लीडिंग) बहुत अधिक
डॉक्टरों ने मौत का कारण लिखा है- कार्डियो-पल्मोनरी फेल्योर विद ब्लंट इंजरी टू चेस्ट एंड हेड।
यानी सीने पर भारी दबाव से फेफड़े फट गए और सांस व हृदय प्रणाली ने काम करना बंद कर दिया।
साफ है, मौत गोली से नहीं बल्कि कुचलने और गंभीर आंतरिक चोटों से हुई।
तीन FIR और अलग-अलग पक्ष
घटना में कुल तीन FIR दर्ज हुई हैं—
| FIR किसने दर्ज की? | आरोप किस पर? |
| मृतक के पोते नीरज कुमार | अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर |
| अनंत सिंह के समर्थक जितेंद्र कुमार | जन सुराज समर्थक गुट पर |
| पुलिस की ओर से स्वतः दर्ज FIR | हत्या और हिंसा की घटनाओं पर |
इसके अलावा शव यात्रा के दौरान हुई हिंसा पर चौथी FIR पंडारक थाने में दर्ज की गई है।
अंतिम संस्कार में भी तनाव
पोस्टमॉर्टम के बाद मृतक का अंतिम संस्कार 28–29 घंटे बाद देर रात किया गया। शवयात्रा के दौरान पंडारक बाजार में अचानक माहौल बिगड़ गया।
पथराव हुआ, RJD प्रत्याशी वीणा देवी की गाड़ी तोड़ दी गई, कई लोग घायल हुए। पुलिस मौके पर मौजूद थी, लेकिन स्थिति को नियंत्रित करने में देरी हुई।
RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि यह ओपन एंड शट केस है। पुलिस और प्रशासन सत्ता पक्ष के दबाव में है।
वहीं, RJD नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग और DGP पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग सोया है क्या?
दिनदहाड़े हत्या होती है, FIR दर्ज होने के बाद भी आरोपी 40 गाड़ियों के काफिले के साथ घूम रहा है।
उधर अनंत सिंह ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि हत्या की साजिश सुरजभान सिंह के गुट ने रची।
मोकामा हत्याकांड चुनावी संघर्ष, पुराने रंजिशों और स्थानीय सत्ता समीकरणों के बीच फंसा एक बड़ा राजनीतिक मामला बन चुका है।
फिलहाल, मामले में बढ़ते विवाद और हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने बिहार DGP से पूरी रिपोर्ट मांगी है। तकनीकी टीम 100 से अधिक वीडियो क्लिप की जांच कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक किसी भी वीडियो में अनंत सिंह स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दिए हैं, हालांकि यह जांच जारी है।
