Mallikarjun Kharge RSS Ban: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा हमला बोला।
खड़गे ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय में संघ पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
खड़गे ने यह बयान शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया।
उन्होंने कहा कि देश में कानून-व्यवस्था की ज्यादातर समस्याओं के लिए भाजपा और RSS की विचारधारा जिम्मेदार है।
यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर दिए गए भाषण के बाद आया।
जिसमें उन्होंने कहा था कि पटेल पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत में शामिल करना चाहते थे।
लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा होने नहीं दिया।
पटेल को याद करते हुए RSS पर सवाल
खड़गे ने कहा कि भाजपा और RSS इतिहास को तोड़-मरोड़कर देश के सामने पेश कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि NCERT की कुछ पुस्तकों से महात्मा गांधी की हत्या, नाथूराम गोडसे, RSS और 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े महत्वपूर्ण हिस्से हटा दिए गए हैं।
उनके अनुसार, यह इतिहास को कमजोर करने और एक खास विचारधारा को स्थापित करने का प्रयास है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने 18 जुलाई 1948 को सरदार पटेल द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे गए पत्र का हवाला दिया।
खड़गे ने कहा— उस पत्र में पटेल ने RSS की गतिविधियों पर चिंता जताई थी।
साथ ही कहा था कि संगठन ने ऐसा माहौल बनाया, जिसके कारण महात्मा गांधी की हत्या जैसी दुखद घटना हुई।
उन्होंने कहा कि उसी वर्ष पटेल ने देश की एकता और सेक्युलर फेब्रिक की रक्षा के लिए RSS पर प्रतिबंध लगाया था।
‘आयरन मैन’ और ‘आयरन लेडी’ ने की थी एकता की रक्षा
खड़गे ने कहा कि आज देश दो बड़े नेताओं को याद कर रहा है— सरदार वल्लभभाई पटेल और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी।
उन्होंने कहा कि पटेल ‘आयरन मैन’ और इंदिरा गांधी ‘आयरन लेडी’ थीं। दोनों ने भारत की अखंडता को मजबूत किया और कठिन परिस्थितियों में राष्ट्र को एकजुट रखा।
उन्होंने कहा— अगर मोदी और शाह वाकई पटेल के विचारों का सम्मान करते हैं, जैसा वे अपने भाषणों में कहते हैं, तो उन्हें पटेल के फैसले का सम्मान करते हुए RSS पर बैन लगाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि देश में भड़काऊ बयानबाजी, धार्मिक ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति को RSS और BJP ने बढ़ावा दिया है।
खड़गे बोले— ये लोग समाज को बांटने का काम करते हैं। देश में लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े ज्यादातर मुद्दों की जड़ यही संगठन और इसकी सोच है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इतिहास को इस तरह प्रस्तुत कर रही है, जिससे नेहरू और पटेल के बीच मतभेद का भ्रम पैदा किया जा सके।
खड़गे ने कहा कि दोनों नेता एक-दूसरे का सम्मान करते थे और साथ मिलकर काम करते थे।
नेहरू-पटेल के संबंधों पर राजनीति क्यों?
खड़गे ने कहा कि भाजपा इस बात को छिपाना चाहती है कि नेहरू और पटेल के संबंध अच्छे थे। उ
उन्होंने कहा— नेहरू ने पटेल द्वारा किये गए एकीकरण कार्यों की हमेशा सराहना की थी और पटेल ने नेहरू को देश के लिए प्रेरणास्रोत बताया था।
लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी दही में कंकड़ खोजने की कोशिश कर रही है। यह इतिहास के साथ अन्याय है।
उन्होंने याद दिलाया कि नेहरू ने गुजरात में पटेल की प्रतिमा का सबसे पहले अनावरण किया था और सरदार सरोवर बांध परियोजना की नींव भी उन्हीं की सरकार में रखी गई थी।
मल्लिकार्जुन खड़गे की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज गुजरात में दिए गए बयान के बाद आई है।
मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन से मिली गुलामी की मानसिकता को अपना लिया है, जबकि आज देश औपनिवेशिक सोच के हर निशान को मिटा रहा है।
पीएम ने कहा था कि सरदार पटेल जम्मू-कश्मीर को भी भारत में शामिल करना चाहते थे, लेकिन नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया। जबकि कांग्रेस ने इस बयान को इतिहास की गलत व्याख्या बताया है।
कांग्रेस का कहना है कि कश्मीर के भारत में विलय का फैसला तत्कालीन परिस्थितियों और सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखकर लिया गया थाऔर इसमें पटेल व नेहरू दोनों की सहमति थी।
NCERT पर भी गंभीर सवाल
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि NCERT की पुस्तकों में इतिहास के महत्वपूर्ण अध्यायों को बदल दिया गया है।
गांधी-गोडसे और विभाजन से जुड़े दस्तावेजों को हटाना बच्चों को अधूरी जानकारी देना है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार नई पीढ़ी को वैचारिक रूप से प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।
अंत में खड़गे ने कहा— सच को जितना मिटाने की कोशिश करोगे, वह उतना ही मजबूती के साथ बाहर आएगा।
कांग्रेस का योगदान और उसके नेताओं की भूमिका देश कभी नहीं भूल सकता।
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