Bihar STET Protest

Bihar STET Protest

पटना में STET को लेकर बवाल: लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थी घायल, CM नीतीश के ऐलान के बाद कैंडिडेट्स में गुस्सा

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Bihar STET Protest: पटना में गुरुवार को शिक्षक पात्रता परीक्षा (STET) की तिथि को लेकर हजारों अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए।

वे TRE-4 (Teacher Recruitment Exam) से पहले STET आयोजित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई।

हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने दो बार लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्रों को गंभीर चोटें आईं।

शिक्षक भर्ती से पहले STET की मांग

प्रदर्शन की शुरुआत पटना कॉलेज से हुई, जहां हजारों B.Ed और BTC प्रशिक्षु छात्रों ने इकट्ठा होकर मार्च निकाला।

उनका मकसद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास तक पहुंचना और अपनी मांगें सीधे सरकार के सामने रखना था।

छात्र “बिहार मांगे STET” और “STET नहीं तो वोट नहीं” जैसे नारे लिखी तख्तियां लेकर सड़कों पर उतरे थे।

प्रदर्शन के दौरान मुख्य सचिव ने 5 प्रतिनिधि छात्रों को बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन कोई ठोस आश्वासन न मिलने से नाराजगी बनी रही।

छात्र अब सरकार से मांग कर रहे हैं कि STET को TRE-4 से पहले आयोजित किया जाए, ताकि वे शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकें।

पुलिस से टकराव और लाठीचार्ज

अभ्यर्थी जब डाकबंगला चौराहा होते हुए जेपी गोलंबर पहुंचे, तो पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोका।

करीब एक घंटे तक वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते रहे, लेकिन जब पुलिस ने रास्ता नहीं खोला तो छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की।

इसके बाद पुलिस ने पहला लाठीचार्ज किया। कुछ घायल हुए लेकिन प्रदर्शनकारी रुके नहीं।

फिर से वे डाकबंगला चौराहे की ओर बढ़े, जहां पुलिस ने एक बार फिर बैरिकेडिंग की और वाटर कैनन मंगवाई।

वहां भी दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हुई और हालात बिगड़ते देख पुलिस ने दूसरी बार लाठीचार्ज किया।

इस दौरान मौके पर 5 हजार से ज्यादा उम्मीदवार मौजूद थे।

सरकार की घोषणा से उपजा गुस्सा

दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 4 अगस्त को एक पोस्ट में लिखा था कि TRE-4 की परीक्षा 2025 में और TRE-5 की परीक्षा 2026 में कराई जाएगी।

साथ ही STET परीक्षा अब TRE-5 से पहले यानी 2026 में होगी।

पूरी खबर यहां पढ़ें – अब नौकरी में बिहारियों को ही प्राथमिकता: बिहार में शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल लागू, लंबे समय से उठ रही थी मांग

इससे हजारों अभ्यर्थियों को झटका लगा है, जो उम्मीद कर रहे थे कि TRE-4 से पहले STET आयोजित किया जाएगा।

छात्रों का कहना है कि अगर STET 2026 में हुआ, तो 2022-24 और 2023-25 सत्र के B.Ed और BTC प्रशिक्षु TRE-4 में शामिल नहीं हो पाएंगे।

STET उनके लिए पात्रता परीक्षा है और उसके बिना वे शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE) में अयोग्य माने जाएंगे।

इससे न केवल उनका एक साल बर्बाद होगा, बल्कि कई छात्र ओवरएज भी हो सकते हैं।

STET क्या है और यह क्यों जरूरी है?

STET (State Teacher Eligibility Test) बिहार में माध्यमिक (9वीं-10वीं) और उच्च माध्यमिक (11वीं-12वीं) स्कूलों में शिक्षक बनने की अनिवार्य पात्रता परीक्षा है।

इसका आयोजन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) करती है। इसके बिना कोई भी उम्मीदवार शिक्षक भर्ती परीक्षा (TRE) में भाग नहीं ले सकता।

STET नहीं हुआ तो हजारों B.Ed./B.Sc.Ed. के प्रशिक्षुओं का एक साल बर्बाद हो सकता है।

राज्य में शिक्षकों की कमी बनी रहती है। कई योग्य अभ्यर्थी ओवरएज (उम्र सीमा पार) हो सकते हैं।

इसलिए पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर राज्य में बेरोजगारी और शिक्षा नीति पर बहस छेड़ दी है।

अभ्यर्थियों की मांगें तो स्पष्ट हैं, लेकिन सरकार का रुख फिलहाल साफ समझ नहीं आ रहा है।

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