Tejashwi Yadav: पटना में शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बड़ा दावा किया।
उन्होंने कहा कि उनका और उनकी पत्नी का नाम नई मतदाता सूची से हटा दिया गया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह सब जानबूझकर किया गया है और चुनाव आयोग पारदर्शी तरीके से काम नहीं कर रहा।
हालांकि, तेजस्वी के इस दावे को पटना के जिलाधिकारी (DM) एस. एन. त्यागराजन ने पूरी तरह से खारिज कर दिया।
तेजस्वी का दावा, हमारा नाम लिस्ट में नहीं
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने बताया, “हमारा सत्यापन हुआ था, BLO आई थीं। फिर भी मतदाता सूची में मेरा नाम नहीं है।
जब मेरा नाम नहीं है तो मेरी पत्नी का कैसे होगा?”
उन्होंने स्क्रीन पर अपनी वोटर आईडी का EPIC नंबर डालकर दिखाया, जिसमें लिखा था – No Records Found।
तेजस्वी ने सवाल उठाया, अब मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा? आयोग को इसका जवाब देना चाहिए।
मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। हम चुनाव कैसे लड़ेंगे?
ताज्जुब की बात है!- श्री @yadavtejashwi जी।{EPIC- RAB2916120} pic.twitter.com/HjxS3rTwHX
— Office of Tejashwi Yadav (@TejashwiOffice) August 2, 2025
पटना DM का जवाब, 416 नंबर पर दर्ज है नाम
तेजस्वी के इस दावे के बाद पटना DM एस. एन. त्यागराजन ने प्रेस को बताया कि तेजस्वी का नाम मतदाता सूची में है।
उन्होंने बूथ की सूची साझा करते हुए कहा, तेजस्वी यादव का नाम मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पुस्तकालय भवन की सूची में 416वें नंबर पर दर्ज है।
DM ने यह भी बताया कि पहले तेजस्वी का नाम मतदान केंद्र संख्या 171 की सूची में था और अब स्थानांतरित होकर नया क्रमांक मिला है।
उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि कुछ समाचार माध्यमों में गलत सूचना फैलाई जा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि उनका नाम लिस्ट में मौजूद है।
1. कुछ समाचार माध्यमों से यह ज्ञात हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम विशेष गहन पुनरीक्षण के प्रारूप मतदाता सूची में नहीं है।
2. इस बारे में जिला प्रशासन, पटना द्वारा जाँच की गई। इसमें यह स्पष्ट हुआ है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष का नाम प्रारूप मतदाता… pic.twitter.com/HmXu419Oek
— District Administration Patna (@dm_patna) August 2, 2025
‘2 गुजराती जो कहेंगे, आयोग वही करेगा’
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर बड़े आरोप लगाए।
उन्होंने कहा, राज्य में करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं, जो कुल वोटरों का लगभग 8.5% है।
हर विधानसभा क्षेत्र में 20-30 हजार नाम हटा दिए गए हैं। यह सब बिना किसी सूचना के किया गया।
तेजस्वी ने कहा, आयोग ने जो सूची दी है, उसमें किसी मतदाता का पता नहीं है।
पहले आयोग हर साल बताया करता था कि कितने मतदाता मृत हैं, कितने शिफ्ट हुए हैं, लेकिन इस बार कोई विवरण नहीं दिया गया।
तेजस्वी ने अपने आरोपों को और तेज करते हुए कहा, यह चुनाव आयोग अब ‘गोदी आयोग’ बन गया है। 2 गुजराती जो कहेंगे, आयोग वही करेगा।
यह प्रक्रिया पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है और गरीबों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं।
चुनाव आयोग ने विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण में पारदर्शिता को बनाए रखने को लेकर जो भी आश्वासन दिए थे, वह उन सभी आश्वासनों से मुकर गई!
बताया गया था कि जिन भी मतदाताओं का नाम हटाया जाएगा, हटाए जाने का कारण सार्वजनिक किया जाएगा!
महागठबंधन के प्रतिनिधिमंडल से मिलने पर चुनाव आयोग… pic.twitter.com/YmbSksBExa
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) August 2, 2025
चुनाव आयोग को तेजस्वी की खुली चुनौती
तेजस्वी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता को सीधी चुनौती देते हुए कहा, पारदर्शिता कहां है?
अगर आपमें हिम्मत है, तो हर बूथ का डेटा सार्वजनिक करें और बताएं कि जिन लोगों के नाम कटे हैं, वो क्यों और कैसे कटे।
तेजस्वी ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को इन 65 लाख मतदाताओं को नोटिस भेजना चाहिए था।
अगर इतनी बड़ी संख्या में नाम कटे हैं, तो कोर्ट को इसका स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। यह कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है, यह लोकतंत्र के खिलाफ है।
तेजस्वी ने बताया कि शुक्रवार को महागठबंधन के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के पास गया था, लेकिन कोई संतोषजनक जानकारी नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को विश्वास में नहीं ले रहा और न ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहा है।
एक तरफ तेजस्वी वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगा रहे हैं, वहीं प्रशासन का दावा है कि उनका नाम सूची में मौजूद है।
इस विवाद के बीच सवाल उठता है कि क्या चुनाव आयोग वाकई पारदर्शिता बरत रहा है? और क्या 65 लाख मतदाताओं के नाम सचमुच बिना सूचना के हटाए गए हैं?
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