Rajasthan School Building Collapse

Rajasthan School Building Collapse

राजस्थान: झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरने से 8 मासूमों की मौत की खबर, 27 बच्चे घायल

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Rajasthan School Building Collapse: राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार सुबह दर्दनाक हादसा हो गया।

सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा गिरने से 8 मासूम बच्चों की मौत की खबर सामने आ रही है।

हादसे में करीब 27 बच्चे घायल बताए जा रहे हैं। इनमें से 11 गंभीर घायलों को जिला हॉस्पिटल रेफर किया गया है।

गांव वालों ने बताया कि मलबे में दबे सभी बच्चे 7वीं क्लास के हैं। जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त सभी बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।

हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट के जरिए हादसे पर गहरा शोक जताया।

उन्होंने लिखा कि झालावाड़ की घटना अत्यंत पीड़ादायक है। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों को हरसंभव मदद दी जा रही है।

जानकारी के अनुसार यह हादसा मनोहरथाना ब्लॉक स्थित पीपलोदी गांव के सरकारी स्कूल में हुआ।

सातवीं कक्षा के छात्रों से भरा एक क्लासरूम अचानक ढह गया, जिसमें 8 बच्चों की मौत हो गई और 27 घायल हो गए।

हादसा सुबह 8 बजे के करीब हुआ जब बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।

स्थानीय ग्रामीणों और स्कूल स्टाफ की मदद से मलबे में दबे सभी बच्चों को बाहर निकाला गया।

गंभीर घायलों को मनोहरथाना अस्पताल से झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है।

5 मृतक बच्चों की पहचान हुई

अब तक जिन बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है, उनके नाम हैं:

  • पायल (14) पुत्री लक्ष्मण
  • प्रियंका (14) पुत्री मांगीलाल
  • कार्तिक (8) पुत्र हरकचंद
  • हरीश (8) पुत्र बाबूलाल
  • कान्हा पुत्र छोटूलाल

वहीं घायलों में कुंदन, मिनी, वीरम, मिथुन, आरती, विशाल, अनुराधा, राजू और शाहीना शामिल हैं। सभी को जिला अस्पताल में इलाज के लिए रेफर किया गया है।

मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्कूल बिल्डिंग के हादसे पर दुख जताया और जांच के निर्देश दिए।

सीएम भजनलाल शर्मा दोपहर 1.30 बजे हादसा स्थल पहुंचेंगे और वे यहां घायलों से भी मिलेंगे।

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हादसे के लेकर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। सभी का सरकारी खर्चे पर इलाज कराया जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने माना कि राज्य की हजारों बिल्डिंग जर्जर हालत में हैं। इन्हें सही करवाने के लिए काम शुरू कर दिया है। करीब 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

शुरुआती जानकारी के अनुसार स्कूल भवन की छत जर्जर अवस्था में थी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।

वहीं भारी बारिश के कारण दीवार में नमी आने से कमजोरी भी स्थानीय लोगों के द्वारा बताए गए कारणों में से एक है।

चीख-पुकार मची: किताबें, बैग, चप्पलें बिखरी पड़ी

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भारी बारिश के बीच अचानक बिल्डिंग की छत गिरने से जोरदार धमाका हुआ।

पूरा गांव स्कूल की तरफ दौड़ा और चीख-पुकार मच गई। मां-बाप मलबे में अपने बच्चों को तलाशते नजर आए।

घटनास्थल पर बच्चों की किताबें, बैग, चप्पलें बिखरी पड़ी थीं।

गांव वालों ने बताया कि रेस्क्यू में करीब 1 घंटा लगा। तब जाकर सभी को मलबे से बाहर निकाला जा सका।

गांववालों ने बताया कि इस स्कूल में कुल 7 क्लासरूम हैं। हादसे के दौरान स्कूल के दो क्लासरूम में 71 बच्चे थे।

जिस क्लासरूम में हादसा हुआ उसमें 7वीं क्लास के बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।

स्कूल में दो टीचर भी मौजूद थे, लेकिन दोनों हादसे के दौरान बिल्डिंग से बाहर थे।

 

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