Odisha Student Death Case

Odisha Student Death Case

ओडिशा स्टूडेंट डेथ केस: छात्रा को कॉलेज से सस्पेंड करने की उठी थी मांग, BJD-कांग्रेस पर लगा दबाव बनाने का आरोप

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Odisha Student Death Case: ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित फकीर मोहन कॉलेज (ऑटोनोमस) में बीएड सेकंड ईयर की छात्रा (20) की आत्महत्या के मामले ने नया मोड़ ले लिया है।

छात्रा द्वारा यौन शोषण के आरोप लगाए जाने के बाद कॉलेज के ही 71 छात्रों ने एक पत्र लिखकर उसे कॉलेज से निलंबित करने की मांग की थी।

इस पत्र में छात्रा द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों को झूठा बताया गया था। इस पूरे घटनाक्रम ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है।

मृतक छात्रा की दोस्त का आरोप है कि बीजेडी (BJD) और कांग्रेस की छात्र इकाइयों ने छात्रा पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया था।

यौन शोषण के आरोपों को झूठा बताने की कोशिश

1 जुलाई को लिखे गए पत्र में 71 छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से छात्रा को सस्पेंड करने की मांग की थी।

आरोप है कि ये सभी छात्र बीएड विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HoD) प्रो. समीर रंजन साहू के प्रभाव में थे। साहू पर अपराजिता ने यौन शोषण का आरोप लगाया था।

पत्र में आरोप लगाया गया था कि छात्रा ने कॉलेज का माहौल खराब किया है और वह झूठे आरोप लगाकर संस्थान की छवि को नुकसान पहुंचा रही है।

इतना ही नहीं, पत्र में छात्रा के समर्थन में खड़े अन्य छात्रों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई थी।

छात्रा को अकेला कर दिया गया

छात्रा की एक सहपाठी ने बताया कि HoD ने लगभग 300 छात्रों को अपने पक्ष में कर लिया था, जबकि उसके समर्थन में महज 15-20 छात्र ही थे।

इस कारण वह मानसिक रूप से बेहद परेशान हो गई थी।

इसके अलावा प्रो. समीर ने 29 जून को कम उपस्थिति का हवाला देते हुए छात्रा को सेमेस्टर परीक्षा देने से भी रोक दिया था।

जबकि उसी सूची में शामिल अन्य 8 छात्रों को परीक्षा में बैठने दिया गया।

राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने का आरोप

छात्रा की दोस्त ने दावा किया है कि बीजेडी और कांग्रेस की छात्र इकाइयों के प्रतिनिधियों ने दबाव डाला कि वह अपनी शिकायत वापस ले ले।

लेकिन, छात्रा यह दबाव झेल नहीं पाई और आखिरकार 12 जुलाई को कॉलेज परिसर में खुद पर केरोसीन छिड़ककर आग लगा ली।

वह 95 फीसदी जल चुकी थी और उसे भुवनेश्वर के AIIMS में भर्ती कराया गया था, जहां 14 जुलाई की रात उसकी मौत हो गई।

जांच में जुटीं UGC और क्राइम ब्रांच की टीम

घटना की गंभीरता को देखते हुए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने एक 4 सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की है, जो शुक्रवार को बालासोर पहुंची।

टीम में प्रो. राज कुमार मित्तल, प्रो. सुषमा यादव, डॉ. नीरजा गुप्ता और UGC की संयुक्त सचिव असीमा मंगला शामिल हैं।

टीम ने कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल फिरोज कुमार पाधी से मुलाकात की और अब ICC के मेंबर्स और छात्रों से भी पूछताछ की जा रही है।

इसके अलावा ओडिशा हायर एजुकेशन विभाग ने भी कालीप्रसन्न महापात्रा की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी कॉलेज भेजी है।

वहीं, ओडिशा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।

ICC की भूमिका संदिग्ध, CBI स्तर की जांच

छात्रा के पिता ने इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (ICC) पर आरोप लगाया कि उनकी बेटी ने कई बार शिकायत की थी, लेकिन कमेटी ने कोई मदद नहीं की।

अब ICC के मेंबर्स से भी पूछताछ की जा रही है कि आखिर छात्रा की शिकायतों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

CBI IG एस. शाइनी और DSP इमान कल्याण नायक ने मृतका के परिजनों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी।

पुलिस ने कॉलेज के पास स्थित पेट्रोल पंप से 11 से 13 जुलाई तक का CCTV फुटेज जब्त किया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि अपराजिता ने ईंधन कहां से खरीदा।

इसके अलावा पुलिस ने उस युवक ज्योतिप्रकाश बिस्वाल का भी बयान दर्ज किया है, जिसने छात्रा को आग की लपटों से बचाने की कोशिश की थी।

इस प्रयास में वह खुद भी 15 फीसदी जल गया था और फिलहाल कटक के SBC मेडिकल कॉलेज में इलाजरत है।

कांग्रेस सहित 8 विपक्षी दलों ने बुलाया था बंद

17 जुलाई को छात्रा की मौत के विरोध में ओडिशा बंद का आह्वान किया गया। कांग्रेस सहित 8 विपक्षी पार्टियों ने इसमें हिस्सा लिया।

मयूरभंज समेत कई जिलों में सड़क प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने भद्रक में ट्रेनें रोकीं, भुवनेश्वर में बसों का चक्का जाम किया और चेन्नई-कोलकाता हाईवे पर टायर जलाकर सड़क जाम कर दी।

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