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Politics on Ram Navami in West Bengal-कोलकाता। कोई भी त्यौहार हो लेकिन उसको मनाने के पहले आजकल माहौल राजनीती के रंग में रंग जाता है। ऐसा ही कुछ इन दिनों पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है। अगले साल वहां विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में रामनवमी को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। हिंदूवादी संगठन अंजनि पुत्र सेना 6 अप्रैल को रामनवमी पर हर विधानसभा में शोभायात्रा निकालने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें BJP का समर्थन भी हासिल है। TMC के कार्यकर्ता भी शोभायात्रा निकालने जा रहे हैं। हालांकि, दोनों का कैंपेन बिल्कुल अलग है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता और ममता बैनर्जी अलग-अलग बयां दे रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है माहौल गर्म है। और रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में राजनीती हो रही है।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की। विश्व हिंदू परिषद चाहती है कि उन्हें 6 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर बांकुरा जिले के सालतोरा में जुलूस निकालने की अनुमति मिले।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी का कहना है कि-

‘मैं हिंदू भी हूं, मुसलमान भी, सिख और ईसाई भी हूं। उससे पहले मैं एक भारतीय हूं। विपक्षी दलों की राजनीति सिर्फ लोगों को बांटने की है। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। कुछ लोग राज्य में दंगे भड़काने की फिराक में हैं। उनके उकसावे में आने से बचें।’- ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी कहते हैं-

‘इस साल रामनवमी पर कम से कम 1 करोड़ हिंदू पश्चिम बंगाल की सड़कों पर उतरेंगे। 2000 रैलियां निकालेंगे। जुलूस के लिए प्रशासन से कोई परमिशन न ले। भगवान राम की पूजा करने के लिए हमें परमिशन की जरूरत नहीं। हम शांति से रहेंगे, लेकिन प्रशासन तय करे कि दूसरे लोग भी शांति से रहें।’पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा इस साल रामनवमी पर कम से कम 2,000 रैलियां निकाली जाएंगी, जिनमें छोटी और बड़ी दोनों शामिल होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल रामनवमी की रैलियों में पिछले साल की तुलना में दोगुनी भीड़ होगी। उन्होंने कहा, ‘रामनवमी इस साल बड़े पैमाने पर मनाई जाएगी। मैं उस दिन सड़कों पर रहूंगा। पिछले साल रामनवमी के अवसर पर रैलियों में भाग लेने के लिए लगभग 50 लाख हिंदू सड़कों पर थे। पिछले साल 1000 रैलियां थीं। इस साल 2000 रैलियां होंगी और लगभग एक करोड़ हिंदू इन रैलियों में भाग लेंगे।’
भारतीय जनता पार्टी के नेता दिलीप घोष कहते हैं, ‘पिछले कई सालों से बंगाल के लोगों में रामनवमी को लेकर बहुत उत्साह है। TMC की सरकार में हिंदू त्योहारों में जगह-जगह हमले और दंगे हो रहे हैं। हिंदुओं को लग रहा है कि कुछ दिन बाद उन्हें बंगाल छोड़कर जाना पड़ेगा।’ असुरक्षा की वजह से हिंदू एकजुटहो रहे हैं हम उनका समर्थन करेंगे।
शक्ति प्रदर्शन ही है ये
पश्चिम बंगाल में मुस्लिम बहुल होने के कारण राजनीती में उन्हीं का दबदबा है। बहुत सारी मुस्लिम बस्तियाँ और मस्जिद हैं। इस कारण हिन्दू खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। रामनवमी पर निकलने वाली शोभायात्रा एक तरह का शक्ति प्रदर्शन है। लोग इसके बहाने एकजुट हो रहे हैं। इसलिए पश्चिम बंगाल की आम जनता ने भी रामनवमी को स्वीकार कर लिया है।”देखा जा रहा है कि टीएमसी की सरकार शोभा यात्रा की परमिशन नहीं देती। तब हमें आंदोलन करना पड़ता है। रामनवमी ही नहीं, दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा और काली पूजा में मूर्ति के साथ तोड़फोड़ हुई। बंगाल सरकार हिंदुओं के खिलाफ है। लोग ये समझ रहे हैं इसलिए हिंदू संगठनों की संख्या और उनकी ताकत बढ़ रही है।’
नंदीग्राम में BJP के वाइस प्रेसिडेंट प्रबल पाल बताते हैं कि नंदीग्राम में रामनवमी को शोभा यात्रा निकाली जाएगी। हमारे लीडर और विधायक सुवेंदु अधिकारी मौजूद रहेंगे। हमें सोनाचुरा में 2 बीघा जमीन मिली है। सुवेंदु राम नवमी के दिन वहां राम मंदिर की नीव रखेंगे।
‘रामलला की निकली सवारी, तलवार पर कलम है भारी’
TMC हिंदी प्रकोष्ठ के सचिव मानव जायसवाल ने कहा-‘जब भी कोई नई चीज आई है, तो पश्चिम बंगाल ने उसे सबसे पहले अपनाया है। अगर जनता को रामनवमी मनाने की इच्छा है, तो हम वो मनाते हैं। अगर कल को गुरुपर्व मनाने की ख्वाहिश हुई तो हम वो भी मनाएंगे।‘
‘हमारी लीडर ने रामनवमी के लिए नारा दिया है, ‘रामलला की निकली सवारी, तलवार पर कलम है भारी’। हम रामनवमी के दिन तलवार नहीं, बल्कि कलम का इस्तेमाल करते हैं। लोगों को कलम बांटेंगे। तीर और धनुष की जगह कलम और धनुष का प्रदर्शन करेंगे।’
इस बार TMC का हिंदी प्रकोष्ठ रामनवमी पर शोभायात्रा निकालने को तैयार है। वे बताते हैं, ‘पिछले कुछ साल से TMC रामनवमी पर शोभायात्रा निकाल रही है। हमारी लीडर ममता बनर्जी ने लोगों को जोड़ने का काम किया है। हम जिस तरह दुर्गा पूजा और छठ पूजा मनाते हैं, उसी तरह रामनवमी भी मनाने जा रहे हैं।’
भड़काऊ नारों का विरोध
रामनवमी पर दंगों के सवाल पर मानव कहते हैं, ’हमारे लिए ‘जय सिया राम’ हमेशा से ही एक मंत्र और जाप है, लेकिन सियासी दल भगवान के नाम पर एक नारे का इस्तेमाल फायदे के लिए कर रहे हैं। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बंगाल में BJP जिन क्षेत्रों में रामनवमी मनाती है, वहां भड़काऊ नारे लगाए जाते हैं। हम इसका विरोध करते हैं।’
कोलकाता का श्री राम स्वाभिमान परिषद
श्री राम स्वाभिमान परिषद के सचिव सूरज कुमार सिंह और उनके साथियों ने 22 मार्च से श्री रामनवमी प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी थी। वे बाइक रैली निकालना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने परमिशन नहीं दी। लिहाजा पैदल ही प्रचार कर रहे हैं। सूरज कहते हैं-आप लोग दिल्ली के रामलीला मैदान के बारे में जानते हैं। कोलकाता में भी रामलीला मैदान है। हम इकलौते ऐसे आयोजक हैं, जो रामनवमी पर तलवारों के साथ अस्त्र पूजन करते हैं। इस मैदान से शोभायात्रा भी निकालते हैं।
सूरज लोगों को हनुमान चालीसा और पोस्टकार्ड भी बांट रहे थे। वे कहते हैं, ‘हम लोगों के बीच त्योहार का माहौल बना रहे हैं। सब देख रहे हैं पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को परेशान किया जाता है। लोग डरे और घबराए हुए हैं।‘
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