तमिलनाडु की राजनीति पिछले कई दशक से स्टार राजनीति का केंद्र रहा है. जयललिता का स्टारडम राजनीति में भी खूब चमका. आज तमिलनाडु में कोई चेहरा ऐसा नहीं जो राजनीति में चमक सके. ऐसे में रोबोट रजनीकांत ने ऐलान किया है राजनीति में उतरने का क्या वे कुछ हासिल कर पाएंगे. इस सुपरस्टार की फिल्मों के टिकटों के लिए आज भी 24 घंटे पहले से लाइन लग जाती है. उनकी कमाई बॉलीवुड की कई बड़ी फिल्मों से जयादा है और रजनीकांत बॉलीवुड के तमाम सुपरस्टार से ज्यादा प्रसंशक रखते हैं. इस कीमती सुपरस्टार की राजनीति में भी उतनी कीमत रहेगी यही सबसे बड़ा सवाल है.
तमिल फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत 67 साल की उम्र में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी है. बीते साल के आखिरी दिन चेन्नई के श्री राघवेंद्र कल्याण मंडपम में उन्होंने कहा, ‘मैं अब राजनीति में आ रहा हूं. यह आज की सबसे बड़ी जरूरत है.’ रजनीकांत के अनुसार अगले विधानसभा चुनावों में वे राज्य की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे और इस चुनाव से पहले ही अपनी नीतियों और वादों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे.
रजनीकांत ने अपने इस फैसले के पीछे का कारण तमिलनाडु की राजनीति में आए संकट को बताया है. उन्होंने कहा, ‘राजनीति की दशा काफी खराब हो गई है. आज राजनीति के नाम पर नेता हमसे हमारा पैसा लूट रहे हैं और अब इस राजनीति को जड़ से बदलने की जरूरत है. सारे राज्य हमारा मजाक बना रहे हैं. अगर मैं राजनीति में नहीं आता हूंं तो यह लोगों के साथ धोखा होगा.’
अन्नाद्रमुक प्रमुख और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद यह माना जा रहा है तमिलनाडु की राजनीति में एक रिक्तता है. इसे द्रमुक के सर्वेसर्वा करुणानिधि की खराब सेहत और उम्र से जोड़कर भी देखा जा रहा है. जयललिता अब नहीं रहीं और करुणानिधि भी पहले की तरह सक्रिय हो पाएंगे, इसकी ज्यादा संभावना नहीं है. माना जा रहा है कि इनके बाद कोई और ऐसा चेहरा नहीं दिखता जिसकी पूरे सूबे में एकसमान अपील हो. चर्चा है कि रजनीकांत और उनके समर्थकों को यह स्थिति एक अवसर की तरह दिख रही है.
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