नई दिल्ली। मोटापा वो बीमारी है जिससे हर कोई बचना चाहता है. वजन घटाने के लिए लोग कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं. उप राष्ट्रपति वैंकया नायडू भी ऐसे ही एक वजन कम करने का दावा करने वाली कंपनी के चक्कर में फंस गए. देशभर में अक्सर फर्जी कंपनियों के विज्ञापन के झांसे में आकर कई लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। वहीं अगर देश के उपराष्ट्रपति भी ऐसे ही फर्जीवाड़े का शिकार हो जाए तो क्या कहेंगे। जी हां, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने साथ हुए एक फर्जीवाड़े के वाकये का जिक्र किया है।
शुक्रवार को राज्यसभा में नायडू ने बताया कि किस तरह वो भी वजन घटाने के चक्कर में एक फर्जी विज्ञापन के झांसे में फंस गए थे। राज्यसभा में संबोधन के दौरान नायडू ने बताया, ‘उपराष्ट्रपति बनने के बाद मैंने वजन घटाने की सोची थी। मैंने एक ऐसी कंपनी का विज्ञापन देखा जिसमें एक दवा के जरिए बहुत कम वक्त में वजन घटाने का दावा किया गया था। वजन कम करने के लिए मैंने एक हजार रुपये देकर दवा मंगा ली थी।’
नायडू ने बताया कि एक हजार रुपये का भुगतान करने के बाद भी कंपनी ने मुझे दवा नहीं दी। इसके बदले कंपनी ने एक ईमेल किया, जिसमें असली दवाइयों के लिए एक हजार रुपये और मांगे गए थे। दोबारा पैसे मांगे जाने के बाद उपराष्ट्रपति को धोखाधड़ी का शक हुआ और उन्होंने उपभोक्ता विभाग में शिकायत की। जांच के दौरान पता चला कि वह कंपनी अमेरिका की थी। नायडू ने कहा कि ऐसी कंपनियों के खिलाफ कुछ किया जाना चाहिए।
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