#Politicswala Report
भोपाल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई विवादित टिप्पणी के खिलाफ मध्यप्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस टिप्पणी के विरोध में कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ‘अंबेडकर सम्मान मार्च’ आयोजित किया, जिसमें प्रदेशभर से कांग्रेस नेता शामिल हुए। भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधायक आरिफ मसूद और आतिफ अकील समेत अन्य नेता मार्च में भाग लेने पहुंचे।
कांग्रेस का आरोप: बीजेपी और आरएसएस संविधान विरोधी
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने इस अवसर पर बीजेपी और आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए कहा, “भा.ज.पा. संविधान विरोधी, दलित विरोधी और अंबेडकर विरोधी पार्टी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी उनकी पार्टी और विचारधारा की असलियत को दर्शाती है। आरएसएस ने 50 साल तक देश का झंडा अपने मुख्यालय पर नहीं फहराया, और बीजेपी के लोग अंबेडकर के संविधान को खत्म करने की बातें सार्वजनिक रूप से कर चुके हैं।“ उन्होंने इस बयान के लिए अमित शाह के इस्तीफे की मांग की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश से माफी मांगने की अपील की।
बसपा का विरोध और ज्ञापन सौंपना
वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यकर्ताओं ने भी शाह की टिप्पणी के विरोध में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालयों पर धरना दिया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनकी मांग थी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को तत्काल वापस लिया जाए।
‘मैं हूं अंबेडकर’ पदयात्रा: 53 जिलों में होगा विरोध
अमित शाह के बयान के विरोध में कांग्रेस ने अपनी गतिविधियों को और तेज कर दिया है। मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस 25 दिसंबर से 29 दिसंबर तक राज्यभर में ‘मैं हूं अंबेडकर’ पदयात्रा का आयोजन करेगी। यह पदयात्रा प्रदेश के 53 जिलों में निकाली जाएगी, जिसमें हजारों युवा अंबेडकर के योगदान और उनके सिद्धांतों का सम्मान करेंगे।
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र दर्शन सिंह यादव ने इस यात्रा का कार्यक्रम जारी किया। यह यात्रा दतिया, मुरैना, शिवपुरी, गुना, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, छिंदवाड़ा, रीवा, और अन्य प्रमुख जिलों से होकर गुजरेगी। यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता अंबेडकर के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए रैली निकालेंगे और नारे लगाएंगे।
राजनीतिक घटनाक्रम का असर
इस विरोध प्रदर्शन ने मध्यप्रदेश में राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है, जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की बौछार जारी है। कांग्रेस और बसपा की यह लामबंदी अंबेडकर के सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए एक बड़ा संदेश देती है, जबकि बीजेपी के लिए यह एक नई चुनौती बन सकती है।मध्यप्रदेश में यह घटनाक्रम आगामी चुनावों को लेकर सियासी माहौल को प्रभावित कर सकता है, और यह देखने वाली बात होगी कि आगे चलकर इस मुद्दे पर किसकी स्थिति मजबूत होती है।
You may also like
-
राहुल गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता करेंगे जिलाध्यक्षों को प्रशिक्षित, संगठन को मजबूत करने पर रहेगा फोकस
-
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने किया सरेंडर, संविधान की किताब-गुलाब से हुआ स्वागत
-
रायबरेली मॉब लिंचिंग: मृतक दलित के परिवार से मिले राहुल गांधी, हरिओम की बहन ने कहा- राहुल गांधी हमारे मसीहा हैं
-
Bihar Election 2025: NDA के सभी 243 उम्मीदवार घोषित, महागठबंधन में अभी भी सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची
-
गुजरात में नई कैबिनेट की शपथ: हर्ष संघवी बने डिप्टी सीएम, 26 मंत्रियों में रिवाबा जडेजा समेत 19 नए चेहरे