WHO Cough Syrup Warning

WHO Cough Syrup Warning

जहर बने सिरप: भारत में 3 कफ सिरप के खिलाफ WHO की सख्त चेतावनी, इसमें कोल्ड्रिफ भी शामिल

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WHO Cough Syrup Warning: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में तीन कफ सिरप को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है।

संगठन ने कहा है कि श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की Coldrif, रेडनेक्स फार्मा की Respifresh TR और शेप फार्मा की ReLife सिरप में मिलावट पाई गई है।

ये दवाएं बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। मध्य प्रदेश में Coldrif सिरप से अब तक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है।

जांच में पाया गया कि सिरप में जहरीला रसायन डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) तय सीमा से लगभग 500 गुना ज्यादा था।

WHO की वैश्विक चेतावनी, देशों से रिपोर्ट मांगी

WHO ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन सिरप के उपयोग से किडनी फेल्योर और मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है।

संगठन ने सभी देशों से अपील की है कि अगर उनके यहां इन कंपनियों की दवाएं पाई जा रही हैं, तो इसकी जानकारी WHO को तुरंत दी जाए।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, WHO ने भारत सरकार से 9 अक्टूबर को पूछा था कि क्या Coldrif सिरप का निर्यात विदेशों में भी किया गया है।

इस पर भारत की सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने जवाब दिया कि अब तक किसी भी मिलावटी दवा के निर्यात का सबूत नहीं मिला है।

श्रीसन फार्मा का लाइसेंस रद्द, कंपनी भी बंद

तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित श्रीसन फार्मास्यूटिकल कंपनी, जो Coldrif सिरप बना रही थी, का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने सोमवार को कंपनी को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश जारी किया।

कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन (75 वर्ष) को 9 अक्टूबर को चेन्नई के कोडम्बक्कम स्थित उनके अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया था।

उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने गिरफ्तार किया और फिलहाल वे 20 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड में हैं।

कफ सिरप में मिला 48% जहरीला केमिकल

मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद श्रीसन फार्मा के प्लांट से Coldrif सिरप का बैच नंबर SR-13 जब्त किया गया था।

जांच के लिए इसे चेन्नई की सरकारी ड्रग्स टेस्टिंग लैब भेजा गया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इसमें 48.6% w/v डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मौजूद था।

यह केमिकल नॉन-फार्माकॉपिया ग्रेड प्रोपीलीन ग्लाइकॉल से तैयार किया गया था, जो मानव शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक है।

DEG और एथिलीन ग्लाइकॉल दोनों ही किडनी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाने वाले रसायन हैं।

मध्य प्रदेश सरकार ने इस मामले में SIT गठित की है।

राज्य की ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने सभी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स से Coldrif और अन्य संदिग्ध सिरप के सैंपल जब्त किए हैं।

केंद्र ने राज्यों को आदेश दिया है कि अगर इन सिरप की कोई खेप मिले तो उसे तुरंत नष्ट किया जाए और रिपोर्ट सौंपी जाए।

2000 वर्ग फीट में चल रही थी सिरप फैक्ट्री

जांच में यह भी सामने आया कि श्रीसन फार्मा महज 2000 वर्ग फीट के छोटे से लोहे के शेड में Coldrif सिरप बना रही थी।

कंपनी को 2011 में तमिलनाडु फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (TNFDA) से लाइसेंस मिला था, लेकिन इसके बाद भी गुणवत्ता नियंत्रण के नियमों का बार-बार उल्लंघन होता रहा।

ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने निरीक्षण में पाया कि कंपनी के पास दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी सेफ्टी सिस्टम, गुणवत्ता जांच उपकरण और स्टरलाइजेशन सुविधाएं नहीं थीं।

केंद्र सरकार की चेतावनी, WHO का सख्त बयान

Coldrif कफ सिरप से हुई मौतों ने भारत की दवा निर्माण और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस घटना के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में हेल्थ एडवाइजरी जारी की है।

मंत्रालय ने कहा कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं देना चाहिए।

इसके साथ ही मंत्रालय ने सलाह दी कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को भी ऐसे सिरप देने से बचा जाए

अगर जरूरी हो तो डॉक्टर की सलाह से ही सीमित मात्रा में दिया जाए।

वहीं, WHO के अनुसार, इन सिरप में मौजूद केमिकल का कोई स्वाद या गंध नहीं होती, इसलिए बिना लैब टेस्ट के इन्हें पहचानना मुश्किल है।

संगठन ने कहा कि इनका इस्तेमाल सिरप को मीठा करने के लिए किया जाता है, लेकिन यह मानव स्वास्थ्य के लिए घातक है।

WHO ने कहा कि इन उत्पादों को तुरंत मार्केट से हटाया जाए। ये दवाएं बच्चों की जान के लिए खतरा हैं।

WHO की चेतावनी ने साफ कर दिया है कि अगर गुणवत्ता जांच और निगरानी में लापरवाही जारी रही, तो यह न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर जनस्वास्थ्य संकट बन सकता है।

 

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