Bengal Assembly Fight

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प. बंगाल विधानसभा में हंगामा: BJP-TMC विधायकों में मारपीट, भाजपा चीफ व्हिप घायल, 5 विधायक सस्पेंड

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Bengal Assembly Fight: पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार का दिन हंगामे, नारेबाजी और हाथापाई से भरा रहा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण के दौरान विपक्षी भाजपा विधायकों ने जोरदार नारेबाजी की, जिससे माहौल गरमा गया।

विपक्ष पहले से ही अपने नेता सुवेंदु अधिकारी के निलंबन का विरोध कर रहा था।

इस हंगामे के बीच भाजपा के चीफ व्हिप शंकर घोष समेत पांच विधायकों को निलंबित कर दिया गया।

हालांकि, बाद में घोष को मार्शलों ने जबरन बाहर निकाला, इसी दौरान वे गिर पड़े और घायल हो गए।

विधानसभा में क्या-क्या हुआ?

विशेष सत्र के अंतिम दिन सीएम ममता बनर्जी बंगाली प्रवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर बोल रही थीं।

तभी भाजपा विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

भाजपा 2 सितंबर को विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के निलंबन के विरोध में थी।

स्पीकर बिमान बनर्जी ने स्थिति बिगड़ती देख भाजपा के चीफ व्हिप शंकर घोष को सदन से निलंबित कर दिया।

लेकिन घोष ने बाहर जाने से इनकार कर दिया।

इसके बाद अध्यक्ष ने विधानसभा के मार्शलों और सुरक्षाकर्मियों को बुलाया और घोष को बाहर निकालने का आदेश दिया।

मार्शलों और भाजपा विधायकों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हुई जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई।

इस दौरान शंकर घोष का चश्मा टूट गया और वे चोटिल हो गए। उन्हें घसीटकर सदन से बाहर निकाला गया।

बाहर निकलते समय वे गिर पड़े और बेहोश हो गए। तुरंत एंबुलेंस से उन्हें अस्पताल भेजा गया।

स्पीकर ने घोष के अलावा भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल, मिहिर गोस्वामी, बंकिम घोष और अशोक डिंडा को भी सदन से निलंबित कर दिया गया है।

आमने-सामने भाजपा और टीएमसी

विधानसभा में बढ़ते हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर तीखा हमला बोला।

उन्होंने सदन में “मोदी चोर” और “वोट चोर” के नारे लगाए।

ममता ने कहा कि भाजपा बंगाल विरोधी है। बंगाल को भाजपा उपनिवेश की तरह देखती है।

प्रवासियों पर हमलों की घटनाओं पर चर्चा भाजपा इसलिए नहीं चाहती क्योंकि ये घटनाएं भाजपा शासित राज्यों में हो रही हैं।

भाजपा ने विदेशी ताकतों के सामने भारत की गरिमा बेच दी है, कभी अमेरिका तो कभी चीन के सामने भीख मांगती है।

वहीं, भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी, जिन्हें पहले ही निलंबित कर दिया गया था, उन्होंने ममता पर गंभीर आरोप लगाए।

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने पूरे “मोदी समुदाय” को गाली दी है।

सुवेंदु अधिकारी ने ममता के खिलाफ केस दर्ज कराने की बात कही।

उन्होंने इस घटना को संसदीय लोकतंत्र पर हमला बताया।

सुवेंदु ने कहा, ये टीएमसी की तानाशाही का सबूत है। अध्यक्ष का फैसला अनुचित है।

भाजपा विधायकों के साथ मार्शलों ने दुर्व्यवहार किया और शंकर घोष को गंभीर चोटें पहुंचाईं।

लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराने पर हमारे विधायकों को मार्शलों से पिटवाया गया।

विधानसभा का तीन दिन का विशेष सत्र

पश्चिम बंगाल विधानसभा का तीन दिन का विशेष सत्र 1 सितंबर को शुरू हुआ था।

इसी दौरान राजनीतिक टकराव शुरू हो गया था।

2 सितंबर को सुवेंदु अधिकारी ने बहस के दौरान टीएमसी को “पाकिस्तान का एजेंट” बताया था।

इसके बाद सुवेंदु अधिकारी को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था।

3 सितंबर को करम पूजा के कारण राजकीय छुट्टी थी। इसलिए आज सत्र का आखिरी दिन था।

विशेष सत्र का मकसद जहां बंगाली प्रवासियों के मुद्दे पर चर्चा करना था।

वहीं अंत में यह भाजपा और टीएमसी की सियासी जंग का अखाड़ा बन गया।

4 सितंबर को पश्चिम बंगाल विधानसभा भारी हंगामे और मारपीट का गवाह बना।

इस घटना के बाद भाजपा और टीएमसी के बीच टकराव और गहरा होने की संभावना है।

भाजपा इस मुद्दे को सड़क से लेकर अदालत तक ले जाने का इशारा कर चुकी है।

 

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