युवा कांग्रेस अध्यक्ष की टीम को कई इलाकों में बड़े नेताओं से करना पड़ रहा संघर्ष, भूरिया के नेतृत्व पर भी उठे सवाल
इंदौर। कांग्रेस ने लगता है रिवर्स गियर डाल लिया है। खासकर मध्यप्रदेश में। पार्टी जमीन से दूर हो ही रही है। सत्ता खो चुकी, जनता का भरोसा घट रहा। अब अपने कार्यकताओं को भी तोड़ने पर आमादा है। ताज़ा मामला मंदसौर का है। युवा कांग्रेस के कद्दावर जमीनी नेता सोमिल नाहटा को पार्टी ने छह साल के लिए निष्काषित कर दिया।
सोमिल नाहटा को न इसके लिए कोई कारण बताओं नोटिस दिया गया न कोई जवाब मांगा गया। बस, बंद कमरे में बैठे नेताओं ने अपने करीबियों की रिपोर्ट मंगवाई और कर दी नाहटा की छुट्टी।
ये सिर्फ एक इलाके की कहानी नहीं है युवा नेताओं को जमे जमाये नेता लगातार उखाड़ने में लगे रहते हैं। ऐसा ही रहा तो भविष्य में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया भी सिर्फ दिखावे के अध्यक्ष बनकर रह जाएंगे। क्योंकि सोमिल नाहटा विक्रांत की टीम के चुने हुए महासचिव हैं।
पूरा मामला पर्यवेक्षकों की टीम के सामने झूमा झटकी का है। ऐसी झूमा झटकी कांग्रेस के लिए कोई नई बात नहीं है। दरअसल सोमिल के पीछे लम्बे वक्त से जिला कांग्रेस के नेता लगे हुए हैं। पिछले नगर पालिका चुनाव में सोमिल ने कड़ी टक्कर दी थी।
इस बार सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है, पर सोमिल के समर्थकों को किनारे करने के लिए जिला कांग्रेस ने ये खेल खेला। दरअसल, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अपने बेटे को बड़े युवा नेता के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं, ऐसे में उन्होंने सोमिल कर खिलाफ एकतरफा रिपोर्ट बना ली। इस फैसले से नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मालूम हो कि नाहटा परिवार मंदसौर,नीमच और रतलाम जिले में खासा प्रभावी है और कांग्रेस की पहचान भी है,ऐसे में नाहटा के समर्थन में करीब 200 से ज्यादा पदाधिकारियों अपने इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैI इसके साथ ही मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस समेत पार्टी के कई कद्दावर नेता नाहटा के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैI कांग्रेस अध्यक्ष को अपने युवा नेताओं को आगे बढ़ाने पर ध्यान देते हुए, ऐसे मामलों की जांच करवाकर फैसले लेने चाहिए।
बीच बचाव करवाने वाले नाहटा पर कार्रवाई क्यों ?
मंदसौर की मीडिया रिपोर्ट और सूत्रों के मुताबिक मंदसौर के कांग्रेस कार्यालय में रविवार को कांग्रेस के दो गुट आपस में भिड़ गए। इस दौरान दोनों तरफ से जमकर मारपीट और गाली-गलौज हुई। मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कार्रवाई करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री नरेंद्र नाहटा के भतीजे सोमिल नाहटा और असगर मेव समेत कुल तीन नेताओं को 6 साल के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट में साफ़ लिखा है कि सोमिल नाहटा बीच बचाव करने आये थे न कि मारपीट ऐसे में इस निष्कासन के मायने क्या है ?