-हरीश रावत बोले-बांध रखे हैं मेरे हाथ-पैर, अब आराम का समय
नई दिल्ली। लंबे समय तक पंजाब कांग्रेस की रार को थामने में जुटे रहे हरीश रावत ने अब उत्तराखंड में ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
चुनाव से ठीक पहले हरीश रावत ने पार्टी लीडरशिप और अन्य नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा है कि जिनके आदेश पर मुझे तैरना है, उनके नुमाइंदों ने मेरे हाथ-पांव बांध रखे हैं।
एक के बाद एक तीन ट्वीट कर हरीश रावत ने अपनी भड़ास निकाली है। हरीश रावत ने लिखा है, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है। सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने की बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।’
यही नहीं एक और ट्वीट में रावत ने लिखा, ‘सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है।’
हरीश रावत ने लिखा, ‘चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्”। बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं। नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
हरीश रावत की ओर से ट्विटर पर की गई टिप्पणियों में किसी नेता का जिक्र नहीं किया है, लेकिन इशारों में ही उन्होंने पार्टी लीडरशिप और राज्य के नेताओं पर निशाना साधा है। जिनके आदेश पर मुझे तैरना है, उनके नुमाइंदों ने मेरे हाथ-पैर बांध रखे हैं कि बात कहकर हरीश रावत ने सीधे तौर पर गांधी फैमिली और उनके करीबियों पर निशाना साधा है।
रावत की ये टिप्पणियां पार्टी में अंतर्कलह को उजागर करती हैं। इसके अलावा राज्य के चुनाव में भी पार्टी की स्थिति को कमजोर कर सकती हैं। ऐसे में इस विवाद की टाइमिंग कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है। अब तक हरीश रावत की टिप्पणी पर किसी नेता का कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है।
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