लखनऊ। आरक्षित सीटों पर दलित-मुस्लिम समीकरण साधने के लिए बसपा ने अभियान शुरू किया। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह इन सीटों पर आरक्षित वर्ग के लोगों के साथ ब्राह्मणों की केमिस्ट्री तैयार करें। पहले चरण में बीस आरक्षित सीटों पर अभियान शुरू हो रहा है।
चुनावी समर में अपने अपने पक्ष में माहौल बनाने और अपना समीकरण तैयार करने के लिए सभी दलों ने ताकत लगाई है। बसपा ने सूबे की कुल 86 (84 एससी, दो एसटी) आरक्षित सीटों पर फोकस किया है।
यहां बसपा कोशिश कर रही है कि अनुसूचित जाति वर्ग के वोटरों के साथ यदि ब्राह्मणों का साथ मिल जाए तो बात बन जाए।
हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती इन सीटों पर मुस्लिमों, ओबीसी और जाटों को जोड़ने की बात भी कर रही हैं पर सबसे बेहतर गणित दलित ब्राह्मण वोटरों का नजर आ रहा है। यही कारण है कि पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को इन सीटों पर लगाया गया है।
सतीश मिश्रा पहले भी सामान्य सीटों पर सम्मेलन कर चुके हैं और पार्टी को लग रहा है कि ब्राह्मण सम्मेलनों के सार्थक परिणाम आ सकते हैं। इन सीटों के लिए छह दिन का शेड्यूल तैयार किया गया है। छह कार्यक्रम होंगे और एक ही स्थान पर संबंधित मंडल या आसपास की अन्य सुरक्षित सीटों को भी जोड़ा जाएगा।
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