Trump Putin Meeting

Trump Putin Meeting

अलास्का में ट्रंप–पुतिन मुलाकात: 3 घंटे मीटिंग और 12 मिनट प्रेस कॉन्फ्रेंस, लेकिन फिर भी कोई डील नहीं

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Trump Putin Meeting: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की बहुप्रतीक्षित मुलाकात अलास्का के एंकरेज शहर में शुक्रवार देर रात हुई।

इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की नज़रें टिकी थीं क्योंकि दोनों नेताओं के बीच रूस–यूक्रेन युद्ध पर किसी बड़े समझौते की उम्मीद की जा रही थी।

हालांकि, करीब तीन घंटे चली मीटिंग के बाद भी कोई ठोस डील सामने नहीं आई।

रेड कार्पेट वेलकम और ‘हैलो पड़ोसी’

पुतिन का स्वागत करने के लिए ट्रंप खुद एयरबेस पर पहुंचे।

रूसी राष्ट्रपति के विमान के उतरते ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने रेड कार्पेट पर उनका तालियों के साथ स्वागत किया।

इस दौरान दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया, पुतिन ने मुस्कुराते हुए ट्रंप को संबोधित करते हुए कहा— हैलो पड़ोसी।

उन्होंने कहा कि भले ही रूस और अमेरिका महासागरों से अलग हैं, लेकिन असल में वे बहुत करीब के पड़ोसी हैं, जिनके बीच सिर्फ 4 किलोमीटर की दूरी है।

इसके बाद पुतिन ट्रम्प की कार में बैठकर मीटिंग स्थल के लिए रवाना हुए।

दोनों नेताओं ने रास्ते में भी हल्की बातचीत की और मीडिया के कैमरों में साथ-साथ मुस्कुराते दिखाई दिए।

बंद कमरे में 3 घंटे चला बातचीत का दौर

बैठक एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन आर्मी बेस में हुई। दोनों नेताओं के साथ उनके शीर्ष डेलिगेशन मौजूद थे।

मीटिंग शुरू होते ही मीडिया को बाहर कर दिया गया और लगभग तीन घंटे तक बातचीत का दौर चला।

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि किस मुद्दे पर कितनी प्रगति हुई।

बातचीत के बाद दोनों नेता प्रेस रूम में पहुंचे, लेकिन पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के बजाय केवल 12 मिनट की छोटी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मंच से उतर गए।

बैठक सकारात्मक पर कोई डील नहीं- ट्रंप

प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह बैठक बेहद सकारात्मक रही।

उन्होंने कहा कि हमने कई बिंदुओं पर सहमति जताई, लेकिन कोई अंतिम समझौता नहीं हुआ।

जब तक डील पूरी तरह से तैयार नहीं होगी, हम उसे घोषित नहीं करेंगे।

निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने न कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ उनके रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे हैं।

उन्होंने कहा— हम चाहते हैं कि लोग मरना बंद करें।

पुतिन और जेलेंस्की दोनों ही चाहते हैं कि मैं बातचीत में शामिल रहूं।

मुझे लगता है कि शांति समझौते के लिए तीनों की मीटिंग होगी—पुतिन, जेलेंस्की और मैं।

हालांकि, उन्होंने साफ किया कि सीजफायर की डील अब पूरी तरह यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर निर्भर है।

युद्ध की असली वजह खत्म करनी होगी- पुतिन

पुतिन ने कहा कि रूस के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसकी सुरक्षा है।

उन्होंने इशारों में कहा कि युद्ध रोकने के लिए सबसे पहले उसकी जड़ों को खत्म करना होगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अगर 2022 में ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता।

पुतिन ने अगली बैठक मॉस्को में करने का सुझाव भी दिया।

ट्रंप ने मेलानिया का लेटर भी सौंपा

बैठक के दौरान ट्रंप ने अपनी पत्नी और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप का एक पत्र पुतिन को सौंपा।

इस पत्र में यूक्रेन और रूस में युद्ध की वजह से प्रभावित बच्चों की स्थिति का ज़िक्र था।

रिपोर्टों के मुताबिक, 2022 से अब तक इस जंग में रूस के 2 लाख और यूक्रेन के 3 लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या बच्चों की है।

व्हाइट हाउस और क्रेमलिन का बयान

व्हाइट हाउस ने इस बैठक को ‘बेहतरीन और उपयोगी’ बताया।

सोशल मीडिया पर ट्रंप के हवाले से लिखा गया- आज हमने बेहतरीन प्रगति की, हमारी बैठक बेहद उपयोगी रही और कई मुद्दों पर सहमति बनी।

वहीं, क्रेमलिन ने भी इसे सकारात्मक करार दिया।

प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि पत्रकारों के सवालों का जवाब न देने के पीछे कारण यह था कि दोनों नेता पहले ही विस्तृत बयान दे चुके थे।

उन्होंने कहा कि यह बातचीत भविष्य में सीजफायर के विकल्प खोजने में मदद करेगी।

यूक्रेनी सांसद ने लगाया भेदभाव का आरोप

हालांकि, इस मुलाकात को लेकर आलोचना भी सामने आई। यूक्रेन के सांसद ओलेक्सांद्र मेरेज्को ने ट्रम्प पर भेदभाव का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि पुतिन का स्वागत ट्रंप ने गर्मजोशी से किया, जबकि कुछ महीने पहले जेलेंस्की से मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति का व्यवहार बेहद कठोर था।

नाटो में अमेरिका के पूर्व राजदूत डगलस ल्यूट ने तो यह तक कहा कि ट्रम्प को इस मुलाकात से ‘जीरो’ मिला।

उन्होंने कहा कि पुतिन को रेड कार्पेट, अमेरिकी राष्ट्रपति की कार की सवारी और बड़े मंच पर बराबरी का सम्मान मिला।

उनका अंतरराष्ट्रीय अलगाव खत्म हुआ। लेकिन अमेरिका को इससे क्या मिला? कुछ नहीं।

जंग रोकना आसान नहीं मुश्किल काम- ट्रंप

ट्रम्प ने भी माना कि रूस–यूक्रेन जंग को खत्म कराना उतना आसान नहीं है, जितना उन्होंने सोचा था।

उन्होंने कहा, मुझे लगा था कि यह सबसे आसान काम होगा, लेकिन यह सबसे मुश्किल निकला।

बहरहाल, अलास्का में हुई यह मुलाकात कई मायनों में ऐतिहासिक रही।

पहली बार रूस के राष्ट्रपति 10 साल बाद अमेरिका पहुंचे और उनका स्वागत अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद किया।

हालांकि, तीन घंटे चली बातचीत और तमाम सकारात्मक बयानों के बाद भी कोई ठोस समझौता नहीं हो सका।

अब सबकी नज़रें अगले चरण की बातचीत पर हैं, जहां शायद ट्रंप, पुतिन और जेलेंस्की एक साथ बैठकर इस युद्ध को खत्म करने की कोशिश करें।

 

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