Terrorist Baghu Khan: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है।
यहां 28 अगस्त की रात हुए एनकाउंटर में हिजबुल मुजाहिदीन का मोस्ट वांटेड आतंकी बागू खान उर्फ समंदर चाचा मार गिराया गया।
आतंकी संगठनों में उसे ‘ह्यूमन GPS’ के नाम से जाना जाता था, क्योंकि उसे नियंत्रण रेखा (LoC) के मुश्किल पहाड़ी और गुप्त रास्तों की गहरी जानकारी थी।
इसी वजह से वह पिछले 25 सालों में 100 से ज्यादा घुसपैठ करवा चुका था।
1995 से PoK में रह रहा था बागू खान
सूत्रों के मुताबिक, बागू खान 1995 से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में रह रहा था।
वहीं से वह लगातार घाटी में आतंकियों को भेजने की रणनीति तैयार करता था।
उसकी पहचान सिर्फ एक आतंकी संगठन तक सीमित नहीं थी।
भले ही बागू खान हिजबुल कमांडर था।
लेकिन उसने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत लगभग हर संगठन को LoC पार कराने में मदद की।
यही वजह थी कि आतंकी नेटवर्क में उसे ‘ह्यूमन GPS’ या ‘समंदर चाचा’ कहा जाता था।
घुसपैठ की कोशिश के दौरान मुठभेड़
28 अगस्त की रात बागू खान अपने एक साथी के साथ नौशेरा नार इलाके से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था।
सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को पहले ही खुफिया जानकारी मिल चुकी थी।
सुरक्षाबलों ने इलाके में संयुक्त ऑपरेशन चलाया और आतंकियों को घेर लिया।
आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में दोनों मारे गए।
दूसरे आतंकी की पहचान अभी नहीं हो पाई है, लेकिन दोनों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि समंदर चाचा की मौत से घुसपैठ का नेटवर्क बुरी तरह कमजोर हो गया है।
उसकी जानकारी और अनुभव के चलते सीमा पार से आतंकी गतिविधियां आसान हो जाती थीं।
अब उसके मारे जाने से आतंकियों की योजनाओं पर रोक लगेगी।
वह तीन दशकों से LoC पर सक्रिय था और हमेशा सुरक्षा बलों की पकड़ से बचता रहा था।
यही वजह है कि उसे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की वांटेड लिस्ट में शीर्ष पर रखा गया था।
आतंकवादियों पर बढ़ा दबाव
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
पिछले चार महीनों में ही सुरक्षाबलों ने 7 एनकाउंटर में 23 आतंकियों को ढेर किया है।
इनमें से 12 पाकिस्तानी और 9 स्थानीय आतंकी थे।
बागू खान समेत गुरेज सेक्टर में मारे गए दोनों आतंकी इस साल मारे गए आतंकियों की संख्या में शामिल हो गए हैं।
समंदर चाचा सिर्फ एक आतंकी नहीं बल्कि घुसपैठ की रीढ़ था।
उसकी वजह से घाटी में आतंकी गतिविधियों को बल मिलता था।
अब उसके खत्म होने के बाद सीमा पार आतंकियों के लिए घुसपैठ करना आसान नहीं रहेगा।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह एनकाउंटर घाटी में शांति स्थापित करने की दिशा में बड़ी सफलता है।
बागू खान की मौत से घाटी में सक्रिय आतंकियों का हौसला भी कमजोर होगा।
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