सुनील कुमार (वरिष्ठ पत्रकार )
हर कुछ दिनों में कांग्रेस पार्टी के कोई न कोई नेता अपनी लापरवाह जुबान से एक ऐसा बखेड़ा खड़ा कर देते हैं जिससे पूरी पार्टी को अगले कई दिनों तक शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है। जब देश में कोई मुद्दे बहुत जलते-सुलगते रहते हैं, और जिन पर चर्चा से कांग्रेस की विरोधी पार्टियों को बड़ी असुविधा होती रहती है, उसी वक्त कांग्रेस के नेता अपनी पार्टी की फजीहत करते हैं।
कांग्रेस की एक प्रमुख प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने अभी अपने सोशल मीडिया पेज पर हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाई गई अभिनेत्री कंगना रनौत को लेकर एक बहुत ओछी और भद्दी बात लिखी, जिसे कि मंडी में भाव के शब्दों में पोस्ट किया गया।
इसके तुरंत बाद इस कांग्रेस प्रवक्ता ने यह पोस्ट हटा दी, कंगना से माफी मांगी, और यह सफाई दी कि उनके सोशल मीडिया पेज कई अलग-अलग लोग देखते हैं, और उनमें से किसी ने इसे पोस्ट किया होगा, और उन्हें इस बात की बड़ी शर्मिंदगी है।
ऐसे किसी बखेड़े का खात्मा गंदगी फैलाने वाले के हाथ नहीं रहता है, बल्कि जिस पर हमला किया गया है वे इसे तय करते हैं कि किस माफी के बाद विवाद खत्म किया जाए, या न किया जाए। चुनाव के इतने करीब भाजपा के हाथ भी यह एक असल मुद्दा लगा है जो कि उसकी एक चर्चित अभिनेत्री-नेत्री के खिलाफ गंदा हमला था, और भाजपा इसे जल्द खत्म करे ऐसी कोई उसकी मजबूरी तो है नहीं।
आज जब देश में चुनावी बॉंड को लेकर भाजपा और केन्द्र सरकार के खिलाफ लगातार ठोस खबरें आ रही थीं, जब न सिर्फ विपक्षी पार्टियां, बल्कि देश के मीडिया, और सोशल मीडिया का भी एक तबका केन्द्र सरकार और भाजपा को बुरी तरह घेर रहा था, उस वक्त कांग्रेस की प्रवक्ता ने एक घटिया टिप्पणी करके देश में चल रही बहस को पटरी से उतारने का जुर्म किया है।
और यह प्रवक्ता पैदाइशी राजनेता होने के बजाय लंबे समय तक अखबारनवीसी में सीनियर और अहमियत के ओहदों पर रही हैं, इसलिए किसी नाजुक मौके पर बकवास का नुकसान वे अच्छी तरह जानती हैं। फिर यह भी है कि देश के टीवी चैनलों पर, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सुप्रिया श्रीनेत लगातार रोज मौजूद रहती हैं, और उनकी एक घटिया टिप्पणी से उनके चेहरे की साख कुछ वक्त के लिए तो चौपट हो ही गई है। लेकिन कांग्रेस को इस किस्म की आत्मघाती हरकतों में महारथ हासिल है।
कंगना रनौत कोई बहुत अच्छी जुबान नहीं बोलतीं, वे फिल्म उद्योग के दूसरे लोगों का घटिया दर्जे का अपमान करने में लगी ही रहती हैं, लेकिन आज वह मुद्दा नहीं है। उनके फिल्मों से जुड़े बयानों का जवाब लोग उसी वक्त दे सकते हैं, और देते हैं।
आज उनके उम्मीदवार बनने पर हिमाचल की मंडी नाम की जगह का घटिया और अश्लील किस्म से इस्तेमाल पूरी तरह नाजायज है, और खारिज करने के लायक है। राजनीति में कंगना की पार्टी के भी बहुत से नेता इस दर्जे के बयान देते रहते हैं, लेकिन उनकी भी इसी तरह निंदा तो होती ही रहती है।
बिना यह देखे कि बयान किसने दिया है, घटिया बयान को घटिया साबित करने का कोई मौका छोडऩा नहीं चाहिए। लगातार ऐसा होने पर ही लोगों की बदजुबानी पर कुछ लगाम लग सकती है। राजनीति दरियादिली का कारोबार नहीं है, और सुप्रिया श्रीनेत सस्ते में नहीं छूट सकतीं, उनके सोशल मीडिया पेज पर जो पोस्ट होता है उसके लिए वे खुद जिम्मेदार हैं, कानूनी रूप से भी, और नैतिक रूप से भी। लोगों को सार्वजनिक जीवन में अधिक जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए, वरना जनता की अदालत से लेकर कानून की अदालत तक, कई किस्म के कटघरों में उन्हें जवाब देना पड़ सकता है।
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