हाईकोर्ट का अजीब फैसला- पायजामे का नाड़ा तोड़ना और स्तन पकड़ना बलात्कार नहीं

Share Politics Wala News

Allahabad High Court News: इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में फैसला देते हुए कहा कि पीड़िता के स्तनों को पकड़ना, उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना और उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास करना बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के अंतर्गत नहीं आता है। कोर्ट ने माना कि यह गंभीर यौन हमला है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण ममले में फैसला सुनाया। यह मामला काफी विवादस्पद है। इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ धारा 376 आईपीसी (बलात्कार) और पाक्सो अधिनियम की धारा 18 (अपराध करने का प्रयास) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें कोर्ट ने राहत दी है। और बलात्कार के प्रयास के आरोप को निराधार माना है। कासगंज जिले के इस मामले में हाईकोर्ट ने निचली अदालत से कहा है कि वह समन आदेश में बदलाव करते हुए उन्हें छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट की दूसरी धारा के तहत समन आदेश जारी करें।

यह है घटना

यूपी के कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र में 10 नवंबर 2021 को शाम पांच बजे की यह घटना है। एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह अपनी 14 साल की बेटी के साथ कहीं जा रही थी। रास्ते में पवन, आकाश और अशोक नाम के तीन युवकों ने बेटी को घर छोड़ने के बहाने अपनी बाइक पर बैठा लिया। आरोपियों ने रास्ते में एक पुलिया के पास गाड़ी रोककर उसकी बेटी के स्तन पकड़े और पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया। इसके बाद  उसे पुलिया के नीचे खींच कर ले जाने लगे। इस बीच चीख पुकार सुनकर वहां लोगों भीड़ आ गई। और आरोपी लड़की को वहीँ छोड़कर भाग गए।

क्या है फैसला

जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र
जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र

जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि महिला के स्तन को पकड़ना, उसके पायजामे के नाड़े को तोड़ना और खींचने की घटना को कतई रेप की कोशिश का अपराध नहीं माना जा सकता। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा कि इस मामले में बलात्कार के प्रयास का आरोप नहीं बनता है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बलात्कार के प्रयास और अपराध की तैयारी के बीच अंतर को सही तरीके से समझना चाहिए।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *