बड़े सवाल – रामनामी दुपट्टे ओढने, कथा करवाने और पंडितों की आरती उतारने के बावजूद भी हिन्दू वोटर्स पर कमलनाथ को भरोसा नहीं ?देश को हिन्दू राष्ट्र मानते हैं कमलनाथ पर ऐसा घोषित करने की नीयत नहीं रखते नेहरू ने हिन्दू राष्ट्र का विरोध किया, ऐसे में कमलनाथ के हिंदुत्व पर जनता करेगी भरोसा ?
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भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के चुनाव अभियान प्रभारी कांतिलाल भूरिया अक्सर एक पंक्ति बोलते रहे हैं – फूलछाप कांग्रेसी। इसके मायने कांग्रेस में जो नेता भाजपा की नीतियों को सराहते हैं उन्हें वे फूलछाप कांग्रेसी कहते रहे हैं। अब क्या वे कांग्रेस के मुख्यमंत्री के चेहरा कमलनाथ को भी फूलछाप कांग्रेसी कहेंगे। पिछले कुछ महीनों से कमलनाथ हिंदूवादी दिखने की कोशिश में हैं। इसके क्या मायने हैं ?
क्या कमलनाथ को अब हार का डर सता रहा है ? क्या उन्होंने भाजपा की चुनावी रणनीति के आगे खुद को कमजोर मान लिया है ? आखिर क्यों नाथ अपनी पार्टी और ताज़ा गठबंधन इंडिया की नीतियों के खिलाफ काम कर रहे हैं ? दूसरी तरफ वे ये भी संकेत दे रहे हैं कि कांग्रेस हिन्दू राष्ट्र के खिलाफ है। वे इसे लागू नहीं करेंगे।
वैसे कमलनाथ ने रामनामी चोला तो कुछ बरस पहले ही ओढ़ लिया था। कांग्रेस के और नाथ के सोशल मीडिया पर उनकी ऐसी ही भगवा/पीले दुपट्टा ओढ़े तस्वीर चस्पा है। इसके बाद रामनवमी पर उन्होंने कांग्रेस कार्यालय पर भगवान श्रीराम का कटआउट लगवाया। फिर बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री की कथा करवाई। ताज़ा बयान है हिंदुस्तान हिन्दू राष्ट्र ही है।
उनके इस बयान से दो बातें साफ़ है। पहली, कांग्रेस की अपनी कोई रणनीति, नीति अब नहीं रही है। दूसरी मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के सामने जीत को लेकर खुद कमलनाथ आश्वस्त नहीं हैं। वे ये मान चुके हैं कि तमाम चोले, रामनामी दुपट्टे ओढने, कथा करवाने और पंडितों की आरती उतारने के बावजूद भी हिन्दू वोट उनके खाते में नहीं आएगा।
कांग्रेस के चुनावी चेहरे कमलनाथ ने एक इंटरव्यू में कहा कि देश में 82 फीसदी हिन्दू हैं। ऐसे में हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की क्या जरुरत है। एक मायने में ये कहा जा सकता है कि वे इसे हिन्दू राष्ट्र ही मानते हैं। दूसरे नजरिये से देखें तो ये भी साफ है कि कांग्रेस या कमलनाथ कभी भी हिंदुस्तान को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं करेंगे। नाथ के बयान में ही ये साफ़ है कि हिन्दू राष्ट्र घोषित क्यों करना। यानी वे कभी भी हिन्दू राष्ट्र के घोषणा हो ऐसा नहीं चाहते।
नाथ का बयान हिन्दुओं से धोखा
भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार लज्जाशंकर हरदेनिया कहते हैं – “कांग्रेस ने आज तक हिंदू राष्ट्र की बात नहीं की. खुद नेहरू ने भोपाल से कहा था कि अगर देश में हिंदुत्व की विचारधारा को लागू किया जाएगा तो मैं खुद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर ऐसी शक्तियों के ख़िलाफ़ लड़ूंगा। ऐसे समय में जब केंद्र में कांग्रेस और भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति के ख़िलाफ़ पार्टियां गठबंधन बना रही हैं, कमलनाथ का ये बयान उस पूरी पहल के ही विपरीत है।
कमलनाथ जिस हिंदू राष्ट्र की बात कर रहे हैं वो आरएसएस की परिकल्पना है. आरएसएस के लोग अतीत में ये कह चुके हैं कि ये देश हिंदुओं का है और जो भी लोग दूसरे धर्मों के हैं वो यहां मेहमान हैं और मेहमान कुछ दिनों के लिए ही रह सकते हैं.”